नई दिल्ली। बिहार में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होंगे। इससे पहले पक्ष-विपक्ष दोनों ने ही दलों ने अपनी-अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। दलों का सबसे ज्यादा फोकस गठबंधन को मजबूत करने और सीट बंटवारे हैं। जिसको लेकर बैठकें भी शुरू हो गई हैं। इसी कड़ी में इन मुद्दों को लेकर आज दिल्ली में कांग्रेस और आरजेडी की अहम बैठक होने जा रही है। बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव शामिल होंगे। जिसके लिए तेजस्वी दिल्ली पहुंच गए हैं। आरजेडी-कांग्रेस की बैठक खड़गे के आवास पर होने की उम्मीद है।
सूत्रों की मानें तो इस अहम बैठक के दौरान बिहार चुनावों के लिए सीट बंटवारे और दोनों दलों के बीच गठबंधन पर चर्चा होगी। सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों नेताओं के बीच बिहार की स्थिति, खासकर भाजपा सरकार द्वारा हाल ही में लाए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम के बाद की स्थिति पर चर्चा होने की संभावना है। वहीं तेजस्वी ने कहा है कि आज हमारी औपचारिक बैठक है। हम बिहार (चुनाव) के लिए रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। वहीं आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा है कि यह एक औपचारिक बैठक है। अगर हम कांग्रेस पार्टी के सहयोगियों को देखें तो आरजेडी अब तक की सबसे पुरानी सहयोगी रही है। यह बैठक बिहार के संपूर्ण परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आयोजित की गई है और चूंकि चुनाव में अब लगभग 6-8 महीने का समय रह गया है, इसलिए इस पर चर्चा की जाएगी।
इस बार होगी जोरदार चुनावी लड़ाई
बिहार विधानसभा चुनाव में अब लगभग छह महीने ही बचे हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी हैं। बिहार में इस बार कड़ी चुनावी लड़ाई होने की उम्मीद है। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल (यूनाइटेड), चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी, जीतनराम मांझी की हिंन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं। राजग की लड़ाई कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और वामपंथी दलों से मिलकर बने महागठबंधन के खिलाफ है।
170 सीटों पर मैदान में उतर सकती है आरजेडी
बता दें कि बिहार में कांग्रेस की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी आरजेडी भी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है। कांग्रेस के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि पार्टी बिहार में अधिकतम 70 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। पिछली बार भी कांग्रेस ने बिहार में 70 सीटों पर ही चुनाव लड़ा था। आरजेडी के भी राज्य में कमोबेश अधिकतम 150 सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। हालांकि, एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘इस गठबंधन में कांग्रेस के लिए सिरदर्द ज्यादा है क्योंकि पार्टी पिछड़े वर्गों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसमें ओबीसी, दलित, मुस्लिम सहित अल्पसंख्यक शामिल हैं। इसके अलावा, हमारे पास महिला चेहरे भी हैं। हमारे लिए सभी को आवाज देना एक चुनौती होगी, जहां यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी छूट न जाए या पार्टी से असंतुष्ट न हो। ‘ बिहार में यादव, कुर्मी, ओबीसी, दलित और मुस्लिम वोटों का बड़ा हिस्सा है। इसके अलावा भूमिहार भी हैं, जिनकी राज्य में अच्छी खासी आबादी है।