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शिक्षक भर्ती परीक्षा वर्ग-2 का नहीं आया रिजल्ट, सड़क पर उतरे अभ्यर्थी

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मध्य प्रदेश में वर्ग-2 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी न होने से नाराज अभ्यर्थी आज सोमवार को राजधानी की सड़कों पर उतर आए।

प्रदेश भर से आए सैकड़ो उम्मीदवार रिजल्ट जारी करने की मांग लेकर मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड पहुंचे जब वहां सुनवाई नहीं हुई तो उसके बाद पैदल मार्च करते हुए डीपीआई पहुंचे और वहीं बैठ गए।

उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएगी प्रदर्शन जारी रखेंगे। इस दौरान अभ्यर्थियों ने जमकर नारेबाजी की और विरोध दर्ज कराया।

अभ्यर्थियों ने बताया कि दिसंबर 2022 से शुरू हुई मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा वर्ग-2 की प्रक्रिया अभी तक परिणाम के इंतजार में अटकी हुई है। हाई कोर्ट की रोक हटने के बाद भी रिजल्ट में देरी से अभ्यर्थी मानसिक तनाव में हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि तीन साल से भर्ती प्रक्रिया ही चल रही है, यह पूरी नहीं की जा रही। रिजल्ट घोषित होने के बाद डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में भी समय लगेगा।

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा का विज्ञापन दिसंबर 2022 में जारी हुआ था। इसके बाद पात्रता परीक्षा अप्रैल 2023 में और चयन परीक्षा अप्रैल 2025 में आयोजित की गई। हालांकि, अब तक इस परीक्षा का परिणाम घोषित नहीं किया गया है, जिससे लगभग दो लाख उम्मीदवार मानसिक रूप से बेहद परेशान हैं। अभ्यर्थी लगातार से मप्र कर्मचारी चयन मंडल रिजल्ट के लिए गुहार लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकाला गया।

क्या हैं प्रमुख मांगें

1- वर्ग-2 शिक्षक भर्ती परिणाम तीन दिनों के भीतर घोषित किया जाए।

2- यदि देरी का कारण तकनीकी या प्रशासनिक है, तो प्रेस नोट जारी किया जाए।

3 -देरी से हुए मानसिक तनाव की जिम्मेदारी ESB को लेनी चाहिए।

प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्मचारी चयन मंडल (ईएसबी) के जरिए आयोजित माध्यमिक शिक्षक चयन परीक्षा का रिजल्ट चार महीने से अटका हुआ है। परीक्षा अप्रैल में आयोजित की गई थी, लेकिन अब तक इसका रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। इस देरी के कारण परीक्षा में शामिल हुए लगभग डेढ़ लाख उम्मीदवार परेशान हैं। वहीं, अपनी परेशानियों को लेकर कई बार ईएसबी से संपर्क भी किया। लेकिन कोई सनवाई नहीं हई है।

अभ्यर्थियों ने यह भी बताया कि कुछ पदों, जैसे खेल और संगीत के शिक्षक में पिछले 20 वर्षों से भर्ती नहीं हुई है। हालांकि, स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है। इसके पीछे की बड़ी वजह भर्ती प्रक्रिया में विफलता है। परिणाम घोषित होने के बाद भी डोक्यूमेंट वेरिफिकेशन में समय लगने से नियुक्ति प्रक्रिया में और देरी हो सकती है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी होने के बाद भी शिक्षक भर्ती उस अनुपात में नहीं हो रही। अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्हें आर्थिक दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है।

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