भोपाल। किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के मामले में पंजाब के बाद मध्यप्रदेश दूसरे स्थान पर आ गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल 30 अप्रैल की स्थिति में देश में 19 लाख मीट्रिक टन अधिक (39 फीसदी ) गेहूं खरीदा गया है। 30 अप्रैल तक मध्यप्रदेश में कुल गेहूं खरीदी 67.57 लाख मीट्रिक टन हो गई है। पिछले साल प्रदेश में कुल गेहूं खरीदी सिर्फ 48.39 लाख मीट्रिक टन हुई थी। प्रदेश में गेहूं की खरीदी 5 मई तक चलनी है। हालांकि, स्लॉट बुकिंग अब बंद हो गई है।
जानकार बताते हैं कि अगले चार-पांच दिन में प्रदेश में गेहूं खरीद का आंकड़ा 75 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचने का अनुमान है। देशभर में प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं खरीदी या तो पूरी हो गई है या अंतिम चरण में है। इस साल केंद्र ने देश में 312 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य की तुलना में अब तक केंद्रीय पूल में 256.31 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। पिछले साल 30 अप्रैल तक देश में 205.41 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा गया था।
देश में अब तक 24.78% अधिक गेहूं खरीद चुकी है सरकार
इस लिहाज से इस बार देश में अब तक 24.78% अधिक गेहूं सरकार खरीद चुकी है। इसमें सबसे बड़ा योगदान पांच प्रमुख राज्यों पंजाब, मध्य प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और उप्र का है। केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के मुताबिक इस साल कुल 21.03 लाख किसानों से गेहूं खरीदा गया है। 30 अप्रैल तक 62,156 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को कर दिया गया है। दावा किया गया है कि इस बार किसानों को गेहूं बिक्री के 24 से 48 घंटे के भीतर भुगतान किया गया है।
इसलिए बढ़ा आंकड़ा
यह भी माना जाता है कि केंद्र ने इस साल गेहूं का समर्थन मूल्य 2,425 रुपए तय किया था। मध्य प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से 175 रुपए बोनस देकर इस दाम को 2,600 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया था। इसलिये भी खरीद का आंकड़ा बढ़ा है। यह मध्य प्रदेश में अब तक का सर्वाधिक बोनस है। राजस्थान ने 150 रुपए बोनस देकर दाम 2,575 रुपए किया था। बाकी किसी राज्य ने बोनस नहीं दिया है। इस कारण मध्य प्रदेश में एमएसपी और मंडी भाव लगभग एक स्तर पर आ गए।