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प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ हरी झंडी, सीएम मोहन ने पीएम मोदी का ऐसे जताया आभार

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भोपाल। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को “प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना” को मंजूरी दे दी गई। 1 फरवरी 2025 को बजट के दौरान वत्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना की घोषणा थी। योजना 2025-26 से शुरू होकर अगले 6 साल तक चलेगी। देश के 100 जिलों के किसानों का जीवन बदलने वाली इस योजना की मंजूरी पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रि-परिषद द्वारा इस कृषि योजना को मिली स्वीकृति अत्यंत अभिनंदनीय है। देश के 100 जिलों के समग्र विकास को समर्पित यह विशिष्ट योजना’ उन्नत कृषि- समृद्ध किसान’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनाने के संकल्प को नई दिशा और नई शक्ति देने जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना से देश के अन्नदाताओं के जीवन में एक नया सूर्योदय होगा।

11 विभागों की 36 योजनाओं एवं प्राईवेट पार्टनरशिप से होगी संचालित
केंद्रीय मंत्रि-परिषद ने 16 जुलाई को जारी वित्त वर्ष 2025-26 से आरंभ होकर 6 वर्ष की कालावधि के लिए शुरू होने वाली ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंजूरी दी है, जो देश के 100 जिलों को कवर करेगी। योजना 11 विभागों की 36 मौजूदा योजनाओं, अन्य प्रादेशिक योजनाओं और निजी क्षेत्र के साथ पब्लिक पार्टनरशिप (जन साझेदारी) के जरिए लागू की जाएगी। इसमें 100 जिलों का चयन तीन प्रमुख संकेतकों यथा कम उत्पादकता, कम फसल तीव्रता और कम ऋण वितरण के आधार पर होगा। योजना के प्रभावी नियोजन, क्रियान्वयन और निगरानी के लिए जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर समितियां गठित की जाएंगी। प्रत्येक धन-धान्य जिले में योजना की प्रगति की निगरानी 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) के आधार पर की जाएगी।

योजना का प्रमुख उद्देश्य
कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना, फसल विविधिकरण और टिकाऊ कृषि प्रथाओं को अपनाने को बढ़ावा देना है। पंचायत और ब्लॉक स्तर पर फसलोत्तर भंडारण को बढ़ाना, सिंचाई सुविधाओं में सुधार करना तथा दीर्घकालिक और अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता को सुगम बनाना भी योजना के प्रमुख उद्देश्यों में शामिल है।

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