नई दिल्ली । जहरीली कफ सिरप से मासूम बच्चों की मौतों पर जमकर सियासत हो रही है। कांग्रेस आए दिन मप्र और राजस्थान की भाजपा सरकारों पर आरोपों की बौछार कर रही है। इसी क्रम में मंगलवार को मासूमों की मौतों के मामले में मध्य प्रदेश और राजस्थान के नेता प्रतिपक्षों ने दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और भाजपा सरकारों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।
इंदिरा भवन स्थित कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि मप्र और राजस्थान में दवाइयों की खरीद में भारी भ्रष्टाचार किया गया है। उमंग सिंघार ने कहा कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 16 बच्चों की मौत हो गई। स्थानीय विधायक ने शुरूआत में ही मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और कलेक्टर को पत्र लिखकर जांच की मांग की, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
तो क्या सरकार के मंत्री ऐसी कंपनियों से ले रहे हैं हिस्सा
सिंघार ने बच्चों की मौत के बीच मुख्यमंत्री के काजीरंगा पार्क में हाथियों के साथ मौज-मस्ती को लेकर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि डिप्टी सीएम ने कफ सिरप से कोई मृत्यु नहीं होने की बात कही और सिरप बनाने वाली कंपनी को क्लीनचिट दे दी। उन्होंने कहा कि किडनी फेल होने से बच्चों की एक के बाद एक मौत के बावजूद संबंधित टेस्ट नहीं करवाए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि दवा कंपनियां सरकार के साथ मिलकर परासिया जैसे आदिवासी क्षेत्रों और छोटे जिलों में व्यापार कर रही हैं, तो क्या सरकार के मंत्री ऐसी कंपनियों से हिस्सा ले रहे हैं?
सिंघार ने मप्र सरकार से की यह मांग
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार ने 3 अक्टूबर 2025 को कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की थी, लेकिन इसके बावजूद मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार नहीं जागी। उन्होंने इसके पीछे भारी भ्रष्टाचार को कारण बताया। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को नौकरी के साथ इलाज में खर्च हुई राशि देने की भी मांग की।
यह मानने को तैयार नहीं राजस्थान सरकार
वहीं टीकाराम जूली ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि राजस्थान में कफ सिरप से अब तक चार मौतें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कफ सिरप से बच्चों की मौत होने की बात मानने को तैयार नहीं है। राजस्थान में चिकित्सा मंत्री ने कफ सिरप में गड़बड़ी होने से इनकार कर दिया। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन कंपनियों को ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है या जिनकी विश्वसनीयता पर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं, उनसे सरकारें दवाइयों की आपूर्ति क्यों ले रही हैं?
कमेटी बनाने का उद्देश्य मामले को भटकाना
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने कार्रवाई करने के बजाय केवल कमेटी बना दी, जिसका उद्देश्य मामले को भटकाना और ठंडा करना है। टीकाराम जूली ने कहा कि राजस्थान सरकार ने अभी तक जमीनी स्तर पर कफ सिरप पर प्रतिबंध लगाने का कोई आदेश जारी नहीं किया, न ही आॅनलाइन रिकॉर्ड होने के बावजूद यह पता लगाने के लिए कोई सर्वे किया कि यह सिरप किस-किस को दी गई है। उन्होंने जयपुर के एसएमएस अस्पताल के आईसीयू में आग लगने की घटना का भी जिक्र किया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल का स्टाफ मरीजों को सुरक्षित निकालने की अपनी जिम्मेदारी निभाने के बजाय वहां से भाग गया और चिकित्सा मंत्री भी हादसे के 24 घंटे बाद अस्पताल पहुंचे।