26 C
Bhopal

फर्जी मेडिकल बिल बनाकर पुलिसकर्मियों ने 15 लाख की ठगी को अंजाम दिया

प्रमुख खबरे

मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय में पदस्थ तीन पुलिसकर्मियों ने मिलकर फर्जी मेडिकल बिलों के आधार पर करीब 15 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। आरोपियों में एक एएसआई, एक सूबेदार और एक हेड कॉन्स्टेबल शामिल हैं। उन्होंने पीटीआरआई (पुलिस ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट) के 25 कर्मचारियों के नाम पर फर्जी बिल बनाकर यह राशि अपने खातों में डलवा ली। एफआईआर दर्ज होने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

मेडिकल शाखा में हुआ घोटाला
यह घोटाला मध्य प्रदेश पुलिस मुख्यालय की मेडिकल शाखा में हुआ। प्रभारी एएसआई हर्ष वानखेड़े, कैशियर सूबेदार नीरज कुमार और सहायक स्टाफ हेड कॉन्स्टेबल राजपाल ठाकुर इस ठगी में शामिल थे। उन्होंने 2023 से जुलाई 2025 के बीच फर्जी मेडिकल बिल पास कराए। पीटीआरआई के कर्मचारियों ने फरवरी 2025 में आवेदन देकर इस मामले की जानकारी सीनियर अफसरों को दी थी। जांच में पता चला कि आरोपियों ने सरकारी राशि को अपने बैंक खातों में ट्रांसफर कराया है। डीएसपी ओपी मिश्रा ने कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन सौंपा था।

इसके आधार पर जहांगीराबाद पुलिस ने कूट रचित दस्तावेज और धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। बता दें कि फरवरी महीने में ही तीनों आरोपियों को निलंबित कर दिया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी पहले पीटीआरआई कर्मचारियों के नाम से मेडिकल बिल पास कराते थे। इसकी राशि कर्मचारियों के बैंक खातों में जमा होती थी। इसके तुरंत बाद आरोपियों में से एक नीरज कुमार, पीटीआरआई कर्मचारियों को कॉल कर बताता था कि मेडिकल शाखा की गलती से यह राशि आपके बैंक खाते में पहुंच गई है। इस झांसे का इस्तेमाल कर आरोपी अपने खातों में रकम ट्रांसफर करा लेते थे। नीरज ने कुछ ही दिनों में एक-एक करके कई कर्मचारियों को कॉल किया। इस पर कर्मचारियों को शक हुआ, जिसके बाद वे सीनियर अफसर के पास शिकायत करने पहुंचे।

यह पहली बार नहीं है जब ये आरोपी धोखाधड़ी के मामले में फंसे हैं। इसी साल फरवरी महीने में भी इन तीनों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज हुई थी। तब पीएचक्यू की गोपनीय जांच में खुलासा हुआ था कि लेखा शाखा में पदस्थ रहने के दौरान तीनों पुलिसकर्मियों ने कूट रचित दस्तावेजों को तैयार कर 76 लाख की धोखाधड़ी की थी। उस मामले में तीनों ने अपने और परिजन के नाम पर फर्जी मेडिकल बिल तैयार किए और भुगतान करा लिए थे। ट्रेजरी से मिले इनपुट के बाद जांच कराई गई थी। इस वारदात का खुलासा होते ही पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे