नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो दिनी यात्रा पर आज कुवैत के लिए रवाना हो गए हैं। खास बात यह है कि चार दशक बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री कुवैत के दौरे पर गया है। पीएम मोदी से पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी 1981 में कुवैत के दौरे पर गई थीं। मोदी शेख मेशाल अल अहमद अल जबार अल सबाह के बुलावे पर कुवैत गए हैं। अपने दौरे से पहले मोदी ने कहा कि हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं। मुुझे विश्वास है कि कुवैत की मेरी यात्रा दोनों देशों के लोगों के बीच मित्रता के विशेष संबंधों को और मजबूत करेगी। बात पीएम ने सोशल मीडिया में भी साझा की है।
कुवैत रवाना होने से पहले सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में पीएम मोदी ने लिखा कि ‘भारत और कुवैत न केवल व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया में शांति, सुरक्षा और स्थिरता में भी उनकी साझा रुचि है। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से चले आ रहे हैं।’ पीएम ने आगे लिखा कि इस दौरे से दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे। पीएम मोदी कुवैत के अमीर, युवराज और प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। आज कुवैत पहुंचने के बाद पीएम मोदी शाम में भारतीय मूल के लोगों से मुलाकात करेंगे। कुवैत में पीएम मोदी अरैबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होंगे।
पीएम की यात्रा से जीसीसी के बीच संबंधों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद
विदेश मंत्रालय में सचिव (प्रवासी भारतीय मामले) अरुण कुमार चटर्जी ने प्रेस वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कुछ द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक यात्रा से भारत-कुवैत द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है। चटर्जी ने कहा कि इस यात्रा से भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच संबंधों को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। चटर्जी ने कहा कि भारत मुक्त व्यापार समझौते के लिए जीसीसी के साथ बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा, हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष इसे पूरा करने में सफल होंगे।
1981 में इंदिरा गांधी ने किया था कुवैत का दौरा
पीएम मोदी के इस दौरे से पहले साल 1981 में दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने कुवैत का दौरा किया था। साल 2009 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी कुवैत का दौरा किया था। भारत और कुवैत के ऐतिहासिक व्यापारिक संबंध रहे हैं। कुवैत में तेल की खोज होने से पहले भारत और कुवैत के बीच खजूर और घोड़ों का व्यापार होता था। ये व्यापार भारत के पश्चिमी बंदरगाहों से होता था। प्रधानमंत्री के दौरे में दोनों देशों के बीच ऊर्जा, व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक तौर पर अहम बातचीत हो सकती है। कुवैत के शेख साद अल अब्दुल्ला स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स में हला मोदी कार्यक्रम की तैयारी चल रही है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे।