मुंबई। सुबक्षाबलों ने बीते सोमवार को पहलगाम हमले के मास्टरमाइंड समेत तीन आतंकियों को ढेर कर दिया है। इस अभियान को नाम दिया गया था आॅपरेशन महादेव। इस आपरेशन को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। शिवसेना (यूबीटी) ने भी आपरेशन महादेव पर सवाल खडे कर केन्द्र सरकार को अपने निशाने पर लिया है। शिवसेना ने दावा किया है कि सरकार ने विपक्ष के सवालों की बौछार से बचने के लिए सुलेमान जैसे मामले को गढ़ा है। साथ ही भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किए जा रहे दावे पर सरकार हमला बोला।
शिवसेना (यूबीटी) ने अपने मुखपत्र में कहा कि भाजपा ने ऑपरेशन सिंदूर को एक राजनीतिक तमाशा बनाया है। पार्टी ने यह भी कहा कि भाजपा का हिंदुत्व और देशभक्ति सिर्फ पाखंड है। ऑपरेशन महादेव की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करते हुए शिवसेना-यूबीटी ने कहा, संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल ही रही थी कि कश्मीर में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर आई। कहा गया कि उनमें से एक सुलेमान पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड था। क्या अब कोई इस पर विश्वास करेगा?
सरकार से उठ गया लोगों का विश्वास
लेख में आरोप लगाया गया, लोगों का सरकार से विश्वास उठ गया है। ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में विपक्ष के सवालों से बचने के लिए सरकार सुलेमान जैसे मामले गढ़ने का हथकंडा अपना रही है। लोकसभा में सरकार बेनकाब हो गई है। शिवसेना-यूबीटी ने संपादकीय में बहस के दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बयान का हवाला दिया और पूछा, क्या सरकार पहलगाम में मारे गए 26 लोगों के घर जाकर उन्हें बता सकती है कि हमने बदला ले लिया है? अब आप भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देख सकते हैं?
जय शाह को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री को भी घेरा
सामना के संपादकीय में आगे कहा गया, प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तानियों को चेतावनी दी थी कि पानी और खून साथ-साथ नहीं बहेंगे, लेकिन जय शाह की कृपा से भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच जरूर होने वाला है। इस पर अमित शाह का क्या कहना है? आगे लिखा की विपक्ष के सदस्यों जैसे गौरव गोगोई, अरविंद सावंत, सुप्रिया सुले और ओवैसी ने सरकार की सुरक्षा में चूक और ऑपरेशन सिंदूर के परिणाम पर गंभीर सवाल उठाए, लेकिन पीएम मोदी लोकसभा में विपक्ष के सवालों का सामना करने के बजाय अपने कक्ष में बैठे रहे।
ऐसे लोगों का होना चाहिए कोर्ट मार्शल
शिवसेना-यूबीटी ने पूछा, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर कहा कि राजनाथ सिंह और जयशंकर ने बेहतरीन भाषण दिए। तो क्या भाजपा और उनके मंत्रिमंडल के लोगों के पास विपक्षी नेताओं की तारीफ करने के लिए स्याही खत्म हो गई है? जो लोग यह कहकर कि हम पीओके के लिए जान दे देंगे, बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे थे, वे पीओके के भारत में विलय का अवसर आने पर युद्ध के मैदान से भाग गए और क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तानियों के साथ खेलने लगे। यह देशद्रोह है और ऐसे लोगों का कोर्ट मार्शल होना चाहिए।
पीएम के कार्यकाल में शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे भावनात्मक खेल
सामना के संपादकीय में आगे लिखा गया है, ये लोग (भाजपा) युद्ध में भी भावनात्मक राजनीति और हिंदुत्व ले आए। भारत में पहले श्ऑपरेशन विजयश् और ऑपरेशन पराक्रम जैसे सफल अभियान चलाए गए थे, लेकिन ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे भावनात्मक खेल प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में शुरू हुए। इससे सेना के पराक्रम का महत्व कम हुआ है। भारत-पाकिस्तान युद्ध में पांच जेट गिराए गएश्, डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर शिवसेना-यूबीटी ने कहा, ष्राजनाथ सिंह संसद में इस पर बोल नहीं पाए। उन्होंने गोलमोल जवाब दिए।