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वक्फ बिल पास होना समावेशी विकास की दिशा में ऐतिहासिक मोड़, बोले पीएम मोदी- विधेयक नए युग की करेगा शुरुआत

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नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल पर लोकसभा-राज्यसभा दोनों सदनों की मुहर लग गई है। अब इस बिल को कानून बनाने की मंजूरी के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा जाएगा। विधेयक के दोनों सदनों में पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संसद में वक्फ संशोधन विधेयक का पारित होना एक “महत्वपूर्ण क्षण” है। इससे उन लोगों को मदद मिलेगी, जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं। बता दें की पीएम मोदी इन दिनों थाईलैंड के दौरे पर हैं।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के लिए थाईलैंड पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “संसद द्वारा वक्फ (संशोधन) विधेयक का पारित होना हमारे साझा सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ है। इससे विशेष रूप से उन लोगों को मदद मिलेगी जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं और इस प्रकार उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है। उन्होंने लिखा कि दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय रही है। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों को नुकसान पहुंचा। संसद की ओर से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।’

हम हर नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध
पीएम आगे लिखा, ‘अब हम ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहां ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विधेयक, जिसे अब कानून बनने के लिए राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है, आधुनिकता और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशीलता के एक नए युग की शुरूआत करेगा।

पीएम मोदी ने इस बात पर दिया जोर
प्रधानमंत्री का बयान भाजपा के उस रुख को दर्शाता है जिसमें पार्टी ने इस विधेयक को गरीब मुस्लिमों के लिए एक सुधारात्मक कदम बताया है—खासतौर पर उन लोगों के लिए जिनकी समुदाय के मामलों में कोई भागीदारी नहीं रही। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि वक्फ प्रणाली दशकों से पारदर्शिता की कमी का पर्याय बन गई है, जिससे गरीब मुसलमानों, महिलाओं और पसमांदा मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंच रहा है। पसमांदा मुस्लिम समुदाय के भीतर सबसे पिछड़े और सामाजिक रूप से शोषित वर्ग माने जाते हैं। हाल के वर्षों में भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने “अनदेखे” पसमांदा मुस्लिमों को जोड़ने की कोशिश की है।

राज्यसभा ने बीते दिन किया पारित
इससे पहले बीते दिन यानी 3 अप्रैल को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक यानी यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पावरमेंट एफिशिएंसी एंड डवलपमेंट (उम्मीद) पर 13 घंटे की लंबी चर्चा चली। इसके बाद देर रात 2:30 के बाद उच्च सदन ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी। लोकसभा की तरह उच्च सदन ने भी विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिए।

लोकसभा से मिल चुकी मंजूरी
इससे पहले लोकसभा ने 2 अप्रैल यानी बुधवार रात करीब 1.56 बजे वक्फ संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया था। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े थे। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। विधेयक अब हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा और सरकार की ओर से अधिसूचित होते ही कानून का रूप ले लेगा।

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