भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निर्देश दिए है कि गर्मी के मौसम में शहर से लेकर गांव तक की जनता को पर्याप्त मात्रा शुद्ध जल मुहैया कराने के लिए सभी तैयारियां अभी से पुख्ता कर ली जाएं। इस दौरान सीएम ने यह भी सलाह दी की सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से सार्वजनिक प्याऊ स्थापित किए जाए, जिससे राहगीरों को पीने के पानी के लिए परेशान न होना पड़े। सीएम ने यह निर्देश सोमवार पेयजल प्रबंधों की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संपतिया उइके, सीएस अनुराग जैन, एसीएस सीएमओ डॉ. राजेश राजौरा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीएम ने बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिए कि शहरों में प्रत्येक मोहल्ले में पेयजल की उपलब्धता, पानी की टंकियों की स्वच्छता और व्यवस्थित पेयजल वितरण जैसे कार्य सुचारू रूप से सम्पन्न हों। ग्रामों में नल-जल योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण आबादी को लाभान्वित किया जाए। हर घर में टोंटी से जल पहुंचाने के कार्य पूर्ण किए जाएं। जिन क्षेत्रों में पेयजल की समस्या है, वहां लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, स्थानीय निकाय मिलकर नागरिकों के लिए समाधान की कार्यवाही करें।
इन विभागों के अमले का भी लें सहयोग
सीएम ने कहा कि प्रदेश के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में धरती आबा उत्कर्ष अभियान में अन्य विभागों के सहयोग से पेयजल प्रबंध के कार्य भी सम्पन्न किए जाएं। अन्य ग्रामों में एकल ग्राम नल-जल योजना और जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल घोषित ग्रामों में पेयजल की सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। पेयजल प्रदाय के साथ ही स्वच्छता से संबंधित गतिविधियों का भी संचालन किया जाए। पंचायत एवं ग्रामीण विकास और कृषि विभाग के अमले का सहयोग भी पेयजल सप्लाई में प्राप्त किया जाए। पंचायतों के पदाधिकारी और शहरों में नगरीय निकायों के अमले द्वारा पेयजल प्रदाय को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
बैठक में सीएम ने कही यह बात भी
इस दौरान सीएम कहा कि पेयजल के साथ स्वच्छता के कायों को पूर्ण कर प्रदेश को, देश में मॉडल बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जल गंगा जल संवर्धन अभियान में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की सक्रिय भूमिका की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि अनुपयोगी हैंडपम्पों को उपयोगी बनाने के लिए रिचार्ज करने की योजना का क्रियान्वयन भी प्रदेश में किया जाए।