नई दिल्ली। आपरेशन सिंदूर के बाद से पड़ोसी देश पाकिस्तान बैकफुट पर आ गया है। इसकी एक बानगी बुधवार को भी देखने को मिली है। दरअसल पाकिस्तान ने भारत के बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को 20 दिन बाद वापस लौटा दिया है। कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार सुबह 10:30 बजे देश वापस लौटे। वाघा-अटारी बॉर्डर से उन्होंने अपने वतन परकदम रखा। दरअसल मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले पूर्णम कुमारगलती से सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे।
वह भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर तैनात थे। नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था। वे पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। भारत ने 7 मई को आॅपरेशन सिंदूर के तहत आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए पाकिस्तान ने भी जवाबी हमले किए, जिससे तनाव बढ़ गया ऐसे में पूर्णम के परिवार की चिंता और भी बढ़ गई। कुछ दिन पहले सैनिक की पत्नी रजनी ने पति की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी। हालांकि यह आॅपरेशन सिंदूर का ऐसा असर रहा कि पाकिस्तान ने उन्हें वापस भारत भेज दिया है।
पत्नी ने जताई थी उम्मीद
पूर्णम कुमार की पत्नी राजनी ने उम्मीद जताई थी कि डीजीएमओ की बातचीत में पूर्णम कुमार के मुद्दे को उठाया जाएगा उन्होंने कहा था, ‘जब भारतीय सेना ने 3 मई को एक पाकिस्तानी रेंजर को राजस्थान में हिरासत में लिया, तब लगा था कि शायद मेरे पति को भी छोड़ा जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ अब डीजीएमओ वार्ता से नई उम्मीद जगी है’ राजनी ने यह भी कहा था कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को उन्हें फोन किया और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया मुख्यमंत्री ने उनके ससुरालवालों की चिकित्सा सहायता की भी बात कही