विज्ञापन जगत के दिग्गज पीयूष पांडे का आज निधन हो गया. वह 70 वर्ष के थे. पीयूष पांडे के निधन की खबर स्तंभकार सुहेल सेठ ने आज शुक्रवार सुबह सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर शेयर की. जानकारी के अनुसार पीयूष पांडे ने मुंबई में आखिरी सांस ली.
पोस्ट शेयर करते हुए सुहेल सेठ ने लिखा कि अपने सबसे प्रिय मित्र पीयूष पांडे जैसे प्रतिभाशाली व्यक्ति के निधन से बेहद दुखी और स्तब्ध हूं. भारत ने न केवल एक महान विज्ञापन प्रतिभा, बल्कि एक सच्चे देशभक्त और एक बेहतरीन सज्जन को खो दिया है. अब स्वर्ग भी मिले ‘सुर मेरा तुम्हारा’ पर नाचेगा.’
बता दें, पीयूष पांडे ने विज्ञापन जगत की दुनिया में 27 साल की उम्र में कदम रखा था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अपने भाई प्रसून पांडे के साथ की थी.
हालांकि अभी तक पीयूष पांडे की मौत का खुलासा नहीं हो सका है. पीयूष पांडे का जन्म राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुआ था. भारत सरकार ने उनको 2016 में पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया था.
पीयूष पांडे ने ‘अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘ठंडा मतलब कोका कोला’ समेत कई विज्ञापन लिखे थे, जिससे उनको बड़ी पहचान मिली.
पांडे ने 1982 में ओगिल्वी एंड माथर इंडिया (अब ओगिल्वी इंडिया) के साथ अपने विज्ञापन करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने एक ट्रेनी अकाउंट एक्जीक्यूटिव के रूप में शुरुआत की और फिर रचनात्मक क्षेत्र में कदम रखा.
अपनी प्रतिभा से उन्होंने भारतीय विज्ञापन जगत की सूरत ही बदल दी. वह एशियन पेंट्स के ‘हर खुशी में रंग लाए’, कैडबरी के ‘कुछ खास है’ और फेविकोल की प्रतिष्ठित ‘एग’ फिल्म जैसे प्रतिष्ठित विज्ञापन अभियानों के पीछे के मास्टरमाइंड हैं.
पीयूष पांडे के निधन पर फिल्ममेकर हंसल मेहता ने दुख व्यक्त किया है. उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ‘फेविकल का जोड़ टूट गया.’ आड एड वर्ल्ड ने अपना ग्लू खो दिया.



