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13 % अनहोल्ड कराने ओबीसी महासभा का उग्र प्रदर्शन

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भोपाल। मध्य प्रदेश में 13% ओबीसी आरक्षण अनहोल्ड कराने के लिए ओबीसी महासभा का उग्र प्रदर्शन सोमवार को राजधानी में हुआ। कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रंगमहल टॉकीज के पास ही रोक दिया। इस दौरान तेज बारिश होती रही, लेकिन ओबीसी कार्यकर्ता सड़कों पर डटे रहे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे।ओबीसी कार्यकर्ताओं कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार में 13 परसेंट आरक्षण होल्ड कर रखा है वह न्याय उचित नहीं है।

कई सारे विद्यार्थी हैं जो इस 13% होल्ड के कारण ओवर ऐज हो चुके हैं बेरोजगारी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं लेकिन सरकार के कानून पर जू नहीं रह रही है। बेरोजगारी हटाओ का नारा देने वाली सरकार जानबूझकर प्रदेश के बच्चों का भविष्य खराब कर रही है और रोजगार देने में असमर्थ साबित हो रही है।

बारिश में भी डटे रहे कार्यकर्ता
बारिश में भीगते हुए भी ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं का जोश कम नहीं हुआ। सैकड़ों कार्यकर्ता सड़कों पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच कई बार हल्की धक्का-मुक्की की स्थिति भी बनी।

कांग्रेस नेता भी पहुंचे
दर्शन के दौरान कांग्रेस नेता भी पहुंचे जिसमें मुख्य रूप से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल, विधायक सचिन यादव शामिल रहे। नेताओं नें ओबीसी महासभा की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार पिछड़े वर्ग के हक को लगातार नजरअंदाज कर रही है। कांग्रेस इस लड़ाई में ओबीसी वर्ग के साथ खड़ी है।

महासभा ने तीन प्रमुख मांगें रखीं

1- शासकीय नौकरी में होल्ड किए गए 13% आरक्षण को तत्काल अनहोल्ड कर 27% आरक्षण के अनुसार नियुक्तियां की जाएं।

2- शासकीय सेवा में पदोन्नति में आरक्षण लागू किया जाए।

3- जातिगत जनगणना कराई जाए, जनसंख्या आंकड़े सार्वजनिक हों और जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण लागू किया जाए।

4- आधे से ज्यादा आबादी ओबीसी, उस अनुपात में भागीदारी नहीं

कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके
एड. धर्मेंद्र कुशवाह ने कहा कि वर्तमान में सरकार ने 13 फीसदी ओबीसी आरक्षण होल्ड कर रखा है, जिससे कई अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। यह न सिर्फ संविधान की भावना के खिलाफ है, बल्कि सामाजिक न्याय का खुला उल्लंघन भी है। सरकार रोजगार के वादे कर सत्ता में आई थी, लेकिन अब बेरोजगारी को नजरअंदाज कर रही है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर महासभा ने प्रदर्शन कर सरकार को चेताया था कि यदि होल्ड वापस नहीं लिया गया तो बड़ा आंदोलन होगा।
सरकार ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाया
प्रवक्ता एड. विश्वजीत रतौनिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के खिलाफ दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं, इसके बावजूद सरकार ने अब तक ठोस कदम नहीं उठाया। यह सरकार की संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। हम इस मानसिकता के खिलाफ अंतिम दम तक लड़ते रहेंगे। वहीं प्रदेश अध्यक्ष राकेश लोधी ने सवाल उठाया कि सरकार ने 7 फीसदी अपर कास्ट को 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस आरक्षण तो दे दिया, लेकिन 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लागू करने से पीछे क्यों हट रही है। सरकार को तत्काल प्रभाव से यह आरक्षण देना चाहिए।

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