मध्यप्रदेश पुलिस ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि पुलिसिंग केवल कानून-व्यवस्था तक सीमित नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।
शिवपुरी जिला चिकित्सालय से एक दिन नवजात बालिका को अपहृत करने वाली महिला को शिवपुरी पुलिस एवं सागर पुलिस के संयुक्त प्रयासों से मात्र 10 घंटे के भीतर पकड़ लिया गया तथा नवजात बालिका को सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
घटना 29 अक्टूबर की है, जब प्रसूति वार्ड में भर्ती श्रीमती रोशनी पति सुनील आदिवासी निवासी विशनपुर थाना बामौरकला, शिवपुरी ने सूचना दी कि सुबह 5 बजे एक अज्ञात महिला बातचीत के बहाने उसकी एक दिन की नवजात बालिका को बाहर ले जाकर वापस नहीं लौटी। तत्काल थाना कोतवाली शिवपुरी पर अपराध क्रमांक 675/25 धारा 137(2) भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत प्रकरण दर्ज कर जांच प्रारंभ की गई।
घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक अरविन्द सक्सेना स्वयं जिला अस्पताल शिवपुरी पहुंचे, जहां उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण कर शिवपुरी पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मुले, एसडीओपी संजय चतुर्वेदी एवं अन्य अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली तथा आरोपी महिला की शीघ्र गिरफ्तारी एवं शिशु की सकुशल बरामदी हेतु ₹30,000 के इनाम की घोषणा की।
पुलिस उप महानिरीक्षक अमित सांघी द्वारा भी सतत निगरानी रखी गई एवं साइबर सेल, सीसीटीवी फुटेज एवं तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर महिला की पहचान बडागांव थाना देहात, शिवपुरी की शारदा आदिवासी के रूप में की गई।
शिवपुरी पुलिस की टीमों ने 200 से अधिक सीसीटीवी कैमरों का विश्लेषण किया और संभावित मार्गों पर नाकाबंदी की। जानकारी मिली कि आरोपी महिला झांसी के रास्ते सागर की ओर जा रही है। ग्वालियर जोन के पुलिस महानिरीक्षक श्री सक्सेना ने सागर जोन की पुलिस महानिरीक्षक हिमानी खन्ना से संपर्क किया, जिसके बाद सागर पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शहवाल के समन्वय में सागर पुलिस सक्रिय हुई।
सागर जिले में पुलिस की सतर्कता एवं त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप आरोपी महिला को पकड़ लिया गया और नवजात बालिका को सुरक्षित बरामद कर लिया गया। इस संवेदनशील कार्रवाई में दोनों जिलों की पुलिस टीमों ने उत्कृष्ट समन्वय एवं मानवीय दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया।



