भोपाल। नई शिक्षा नीति के अनुरूप मध्यप्रदेश के 2383 विद्यालयों में व्यावसायिक शिक्षा संचालित की जा रही है, जिसमें 4 लाख विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिन्हें 12 ट्रेड्स में शिक्षा दी जा रही है। विद्यालयों में कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये भी 465 विद्यालयों में कृषि ट्रेड्स संचालित किये जा रहे हैं। स्किल कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से करीब डेढ़ लाख विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी सलाह दी गई। डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये एक लाख 84 हजार प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को टैबलेट प्रदान किये गये।
दरअसल, प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 21वीं सदी की पहली शिक्षा नीति है, जिसका उद्देश्य भारत के सतत् विकास के लिये आवश्यक शैक्षिक सुधारों को साकार करना प्रमुख रहा है। इसी उद्देश्य को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का स्कूल शिक्षा में प्रभावी रूप से क्रियान्वयन कर रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह का मानना है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक विविधता को ध्यान में रखते हुए समावेशी शिक्षा के दृष्टिकोण को बढ़ावा देती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 स्थानीय और वैश्विक आवश्यकताओं के बीच संतुलन भी बनाती है।
43 सदस्यीय टॉस्क फोर्स का हुआ गठन:
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में विभागीय अधिकारियों, शिक्षाविदों, शासकीय-अशासकीय विद्यालयों के 43 सदस्यीय टॉस्क फोर्स का गठन प्रदेश में किया जा चुका है। टॉस्क फोर्स के गठन के बाद नीति के क्रियान्वयन की समीक्षा एवं सुझाव के लिये टॉस्क फोर्स की 3 बैठकों का आयोजन भी किया जा चुका है। इसके साथ ही निरन्तर समीक्षा के लिये 13 समितियों का गठन भी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निदेर्शानुसार प्रदेश के सभी शासकीय व अशासकीय विद्यालयों में जुलाई 2024 में गुरु पूर्णिमा के महत्व एवं पारम्परिक गुरू-शिष्य संस्कृति पर प्रार्थना सभा में बातचीत एवं शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा गुरू संस्मरण का आयोजन भी किया गया है।