मध्य प्रदेश में 14 बच्चों की मौत के मामले में जांच के बीच, राज्य के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने दो और कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की बढ़ी हुई मात्रा पाई है। इन दवाओं को बैन करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
ड्रग कंट्रोलर ने संबंधित कफ सिरप की बिक्री तुरंत रोकने और उन्हें जब्त करने का आदेश दिया है। ReLife और Respifresh TR नाम के सिरप में तय मानक से ज्यादा DEG मिला है। मानक के अनुसार, दवा में सिर्फ 0.1% DEG की इजाजत है, लेकिन ReLife में 0.616% और Respifresh TR में 1.342% DEG पाया गया।
एक अधिकारी ने बताया, ‘ड्रग कंट्रोलर ने इन दवाओं को जब्त करने और इनकी बिक्री पर रोक लगाने का आदेश दिया है।’ यह बैन ऐसे समय में आया है जब मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से कम से कम 14 बच्चों की मौत हो गई थी। आठ बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, इसी मामले में Coldrif और Nextro-DS नाम के कफ सिरप को भी MP FDA ने बैन कर दिया था।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सीएम आवास पर एक उच्च-स्तरीय बैठक की। उन्होंने दो ड्रग इंस्पेक्टरों, खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उप निदेशक को निलंबित करने और एक ड्रग कंट्रोलर का तबादला करने का आदेश दिया। यह जानकारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में दी गई। सीएम यादव ने जोर देकर कहा कि छिंदवाड़ा मामले में सभी दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्य सरकार सतर्क और संवेदनशील है, और मानव जीवन से जुड़े मामलों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा, जबलपुर के ड्रग इंस्पेक्टर शरद कुमार जैन और खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उप निदेशक शोभित कोष्टा को निलंबित कर दिया गया है, जबकि ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य का तबादला कर दिया गया है।’
सीएम ने यह भी निर्देश दिया कि Coldrif सिरप की बिक्री पर बैन लगाने के साथ-साथ दुकानों में मौजूद स्टॉक को भी जब्त किया जाए। छिंदवाड़ा और आसपास के जिलों में जिन परिवारों ने इस दवा का सेवन किया है, उनके घरों से दवा को वापस लाने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा।