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नानाजी ने शरीर का हर क्षण देश को समर्पित किया:, चित्रकूट में बोले शाह- भारत रत्न राजनीति के क्षेत्र में रहकर थे अजातशत्रु

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सतना। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट के दौरे पर पहुंचे। जहां वह भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15 वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए और पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। शाह ने दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण और रामदर्शन परिसर का लोकार्पण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री मोहन यादव, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल, संत मोरारी बापू, सैनाचार्य स्वामी अचलानंदाचार्य जी महाराज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद थे।

श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि नानाजी ने अपने जीवन में जो उपलब्धियां हासिल की, उसे एक जीवन में प्राप्त करना बहुत ही कठिन है। कुछ लोगों के जीवन ऐसे होते हैं जो युग को परिवर्तनकारी बनाने का काम करते हैं उनमें से नानाजी एक है। नानाजी देशमुख जैसे महान व्यक्तित्व का जीवन युगों तक असर छोड़ता है, नाना जी ने जब राजनीति छोड़ी तो ग्रामोत्थान के लिए अंत्योदय के मार्ग को चुनकर एकात्म दर्शन के व्यावहारिक रूप में धरातल पर उतारने का काम किया। भारत के हर एक गरीब को मूलभूत सुविधाओं के साथ गांव को गोकुल गांव बनाने की दिशा में काम हो रहा है, इसका सबसे पहला चिंतन, मनन, क्रियान्वयन अगर किसी ने किया था वह नानाजी ने किया था।

नानाजी ने खुद छोड़ दी राजनीति
शाह ने कहा कि राजनीति के क्षेत्र में जनता कई नेताओं को राजनीति छुड़वाती है। नानाजी ने केवल 60 वर्ष की आयु में जब जनता पार्टी अधिकार में थी तब निर्णय किया कि 60 के हो गए बाकी का जीवन एकात्म मानववाद को जमीन पर उतारने का काम करेंगे। इसके बाद एकात्म मानववाद और अंत्योदय का सिद्धांत दिया। इसके लिए चित्रकूट को चुना। शाह ने कहा, कुछ लोगों के जीवन ऐसे होते हैं, जो कुछ वर्षों नहीं, युगों तक अपना असर छोड़ते हैं और युग को परिवर्तनकारी बनाने का काम करते हैं। नानाजी उनमें से एक हैं।

नानाजी ने शरीर का हर क्षण देश को समर्पित किया
नानाजी देशमुख ने अपने सतायु जीवन में अपने जीवन का हर क्षण और शरीर का हर कण देश की सेवा को समर्पित किया। उनके जीवन दर्शन और कार्यों का प्रभाव युगों-युगों तक रहेगा। नानाजी देशमुख राजनीति के क्षेत्र में रहकर अजातशत्रु थे। उन्होंने राजनीति में रहकर भी कला, साहित्य और समाजसेवा से लगातार सरोकार बनाये रखा। मैं भी दीनदयाल शोध संस्थान से मासिक पत्रिका मंथन के माध्यम से जुड़ा रहा हूं। भारतीयता को बरकरार रखते हुए बसुधैव कुटुंबकम के विचार को संपूर्ण विश्व में कैसे प्रसारित किया जाए कई सारी बातों को मंथन के माध्यम से रखने का काम किया।

प्रेरणा पुंज थे नानाजी: सीएम मोहन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह सुखद संयोग रहा है कि उनकी नानाजी से भेंट हुई थी। नानाजी का होना हम सबके लिए एक प्रेरणा पुंज के समान था। जब पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी भाई देसाई ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया तो नानाजी ने बड़ी विनम्रता से मना कर दिया था। नानाजी ने गांवों में स्वावलंबन की कल्पना की थी। उन्होंने कहा कि नानाजी ने कलाकारों को जोड़कर तीर्थ धाम को जीवंत करने का कार्य किया।

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