नई दिल्ली। मुंबई आतंकी हमले का गुनाहगार तहव्वुर राणा को अमेरिका से जल्द ही भारत लाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो भारत से जांच एजेंसियों की टीम अमेरिका पहुंच गई है। उसे स्पेशल प्लेन से अमेरिका से भारत लाया जाएगा। राणा को आज देर शाम या कल तड़के भारत लाया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह भी जा रहा है कि प्रत्यर्पण की कानूनी औपचारिकताएं पूरी न हो पाने राणा को गुरुवार को ही भारत लाया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि इस दौरान उनके साथ इंटेलिजेंस और इन्वेस्टिगेटिव अधिकारियों की एक विशेष टीम होगी। सूत्रों की मानें तो तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए बाद उसकी कस्टडी के लिए कल ही एनआईए की कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के मुताबिक, तहव्वुर राणा के खिलाफ एनआईए का केस दिल्ली में दर्ज है। इसलिए राणा को सबसे पहले दिल्ली लाया जाएगा और यहां एनआईए की कोर्ट में पेश किया जाएगा। मुंबई क्राइम ब्रांच बाद में उसकी कस्टडी लेगी। विश्वसनीय सूत्रों से यह भी पता चला है कि भारत लाए जाने के बाद राणा को शुरूआती कुछ हफ्ते तक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की कस्टडी में रखा जाएगा. यह पूरा आॅपरेशन एनएसए अजीत डोभाल, एनआईए और गृह मंत्रालय के कुछ शीर्ष अधिकारियों की निगरानी में हो रहा है.
भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ
इससे पहले पिछले महीने ही आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया था। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। उसने दलील दी थी कि अगर उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाता है तो वहां उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा सकता है।
तहव्वुर का हर पैंतरा फेल
इससे पहले तहव्वुर राणा ने अपने भारत प्रत्यर्पण से बचने के लिए नई चाल चली थी। राणा ने अपने प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के लिए अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में आपातकालीन याचिका दायर की थी। आवेदन में उसने दावा किया था कि वह पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम है, इसलिए भारत में उसे प्रताड़ित किया जाएगा, लिहाजा उसके प्रत्यर्पण पर रोक लगाई जाए। रणा ने अपने खराब स्वास्थ्य का भी हवाला दिया था।
लॉस एंजिलिस के ट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया
किस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा (64) को फिलहाल लॉस एंजिलिस के एक मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। तहव्वुर राणा 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकतार्ओं में से एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने पिछले महीने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी
इससे पहले जनवरी में अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी, क्योंकि कोर्ट ने मामले में उसकी समीक्षा याचिका को खारिज कर दिया था। भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह तहव्वुर राणा के जल्द प्रत्यर्पण के लिए अमेरिकी अधिकारियों के साथ काम कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा था, ‘अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 21 जनवरी को आरोपी की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। हम अब मुंबई आतंकी हमले के आरोपी को भारत में जल्द प्रत्यर्पित करने के लिए प्रक्रियात्मक मुद्दों पर अमेरिकी पक्ष के साथ काम कर रहे हैं।’
26 नवंबर 2008 को हुआ था आतंकी हमला
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग के जरिए भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हमले के बाद आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। नवंबर 2012 में अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।