नई दिल्ली। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कराकर गुरुवार को भारत लाया जा चुका है। उसे स्पेशल विमान से अमेरिका से भारत लाया गया। उसको भारत लाने की एक लंबी प्रक्रिया के खत्म होने के बाद अब सजा दिलवाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यहीं नहीं उसे गुरुवार देर रात ही एनआईए ने विशेष अदालत में पेश किया। जहां कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिन की रिमांड पर एनआईए को सौंप दिया है। तहव्वुर राणा की पहली रात एनआईए के मुख्यालय के अंदर बनी जेल में कटी। वहीं एजेंसी आज उससे पूछताछ करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस टीम में एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं।
जांच एजेंसी एनआईए तहव्वुर राणा की कस्टडी के दौरान हर रोज पूछताछ की एक डायरी तैयार करेगी। आखरी दौर की पूछताछ के बाद डिस्कोलजर स्टेटमेंट में उसे रिकॉड पर ले लिया जाएगा, जो केस डायरी का हिस्सा होता है। बीएसएन में प्रावधान है कि हर 48 घंटे में आरोपी का मेडिकल करवाया जा। इसके इलावा, एनआईए कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी. एनआईए इस बात का खास तौर से ध्यान रखेगी कि तहव्वुर राणा पूछताछ से बचने के लिए खुद को कस्टडी के दौरान नुकसान न पहुंचाए. इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि उसने 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
एनएसजी की सुरक्षा में लाया गया
अमेरिका से प्रत्यर्पित राणा को लेकर अमेरिकी गल्फस्ट्रीम जी550 विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर गुरुवार को देर शाम उतरा। पालम एयरपोर्ट पर राणा (64) को आधिकारिक रूप से गिरफ्तार करने के बाद एनआईए ने पहले उसकी मेडिकल जांच कराई। इसके बाद उसे पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया। जहां से उसे एनआईए की रिमांड में भेज दिया गया। सरकार की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन और विशेष सरकारी वकील नरेंद्र मान पेश हुए। वहीं दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील पीयूष सचदेवा आरोपी राणा की ओर से पेश हुए। एजेंसी ने कहा कि राणा को लॉस एंजिलिस से एक विशेष विमान में एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की टीमों की सुरक्षा में दिल्ली लाया गया। इसमें वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। एयरपोर्ट पर एनआईए की जांच टीम ने सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद राणा को गिरफ्तार कर लिया और उसकी मेडिकल जांच कराई।
प्रत्यर्पण रोकने को राणा ने अपनाया हर हथकंडा
एनआईए ने कहा कि राणा ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते अपनाए लेकिन अंतत: प्रत्यर्पण को मंजूरी मिल गई। अमेरिका में कैलिफोर्निया के सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 16 मई 2023 को राणा के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके बाद राणा ने नाइंथ सर्किट कोर्ट आॅफ अपील्स में कई मुकदमे दायर किए, जिन्हें खारिज कर दिया गया। इसके बाद उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में एक रिट आॅफ सर्टिओरी, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और एक आपातकालीन आवेदन भी दाखिल किया, जिन्हें भी खारिज कर दिया गया।
पाकिस्तान की भूमिका उजागर करने में मिलेगी मदद
अधिकारियों ने बताया कि राणा के प्रत्यर्पण से जांच एजेंसियों को 26/11 के हमलों के पीछे पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने में मदद मिलेगी और जांच को नई दिशा मिल सकती है। एनआईए अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका से उसका प्रत्यर्पण 2008 में नरसंहार से पहले उत्तरी और दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में उसकी यात्राओं के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकता है। उन्होंने कहा कि राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर, 2008 के बीच उत्तर प्रदेश में हापुड़ और आगरा, दिल्ली, केरल में कोच्चि, गुजरात में अहमदाबाद और महाराष्ट्र में मुंबई का दौरा किया।