भोपाल। मध्यप्रदेश कर्ज के बोझ लगातार दबता जा रहा है। ऐसा कोई महीना नहीं बीत रहा है जब प्रदेश की मोहन सरकार कर्ज न ले रही हो। इसी कड़ी में सरकार ने फिर 6000 करोड़ का कर्ज ले लिया है। इस कर्ज के बाद मप्र सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक 47 हजार करोड़ रुपए ले चुकी है। वहीं मप्र के ऊपर 3 लाख 75 हजार 578 करोड़ रुपए का कर्ज लद गया है। बता दें कि 24-25 फरवरी को भोपाल में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले भी मोहन सरकार ने 6000 करोड़ का लिया था। वहीं सरकार ने आज उतना ही कर्ज ले लिया है।
सरकार 6000 हजार करोड़ के तीन अलग-अलग कर्ज ले रही है। दो-दो हजार करोड़ रुपए के यह कर्ज 14 साल, 20 साल और 23 साल की अवधि के हैं। सरकार को इसका भुगतान बुधवार को होगा। चालू वित्त वर्ष में सरकार पिछले वित्त वर्ष से साढ़े चार हजार करोड़ का अधिक कर्ज ले चुकी है। मोहन सरकार ने आज जो कर्ज बाजार से लिया गया है वह केंद्र सरकार द्वारा तय लिक्विडिटी लिमिट के भीतर बताया जा रहा है।
जीआईएस से पहले सरकार ने लिया था 6000 करोड़ का कर्ज
पिछले माह 24 और 25 फरवरी को हुई ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के ठीक पहले मोहन सरकार ने 20 फरवरी को 6 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। तीन अलग-अलग कर्ज 12 साल, 15 साल और 23 साल की अवधि के लिए लिया गया। इस कर्ज के बाद प्रदेश सरकार का चालू वित्त वर्ष में लिया गया कुल कर्ज 41 हजार करोड़ रुपए हो गया था। इसके पहले वर्ष 2025 के पहले दिन एक जनवरी को सरकार ने पांच हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था।
चालू वित्त वर्ष में अब तक लिया कर्ज
- 20 फरवरी 2025, 6 हजार करोड़ (3 कर्ज), 12,15, 18 साल, 2037, 2040, 2043
- 1 जनवरी 2025, 5 हजार करोड़ (2 कर्ज), 13 और 22 साल, 1 जनवरी 2038, 1 जनवरी 2047
- 26 दिसम्बर 2024, 5 हजार करोड़ (2 कर्ज), 20 और 16 साल, 2045 और 2041
- 27 नवम्बर 2024, 5 हजार करोड़ (2 कर्ज), 20 और 14 साल, 2038 से 2044 के बीच।
- 9 अक्टूबर 2024, 3 हजार करोड़ (2 कर्ज), 13 और 18 साल, 2035 और 2043
- 25 सितम्बर 2024, 5 हजार करोड़ (2 कर्ज), 12 और 19 साल, 2037 और 2044
- 28 अगस्त 2024, 5 हजार करोड़ (2 कर्ज), 14 और 21 साल, 2039 और 2046
- 7 अगस्त 2024, 5 हजार करोड़ (2 कर्ज), 11 और 21 साल, 2036 और 2046
- 2023-24 में लिए थे 44 हजार करोड़, इस अवधि तक 3.75 लाख करोड़ का कर्ज