भोपाल। मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक हुई है। मंत्रालय में हुई बैठक में करीब दर्जनभर महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट ने केन्द्र सरकार के डिजिटल इंडिया लैंड रिकार्ड मॉर्डनाईजेशन प्रोग्राम के तहत प्रदेश में राजस्व भू-अभिलेखों के लंबित डिजिटाइजेशन के लिए स्वीकृति दी गई है। डिजीटाइलेशन के लिए बैठक में 138.41 करोड़ का प्रावधान करने का फैसला लिया गया। वही मोहन सरकार ने नगर और ग्राम निवेश से संबंधित विधेयक को भी मंजूरी दे दी है, जिसे विधानसभा में लाया जाएगा। इसके अलावा धान पर चार हजार प्रति हैक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने और दूसरे अनुपूरक बजट को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी गई है। कैबिनेट बैठक में लिए फैसलों की जानकारी नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी।
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने नगर और ग्राम निवेश से संबंधित विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। इस विधेयक के तहत कोई भी शासकीय विभाग प्लानिंग एरिया के बाहर भी निवेश कर सकेगा और राज्य सरकार को प्रस्ताव देगा, जिसे सरकार स्वीकृति प्रदान करेगी। एमपीआईडीसी, एमपीआरडीसी, साडा, विकास प्राधिकरण सहित अन्य एजेंसियों को 500 करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट तैयार करने पर इस प्रकार की छूट दी जाएगी।
किसानों के हित में यह हुए निर्णय
वहीं 15 मार्च से शुरू हो रही गेहूं की एमएसपी दर पर खरीदी के तहत सरकार 175 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देगी। यह बोनस एमएसपी की दर 2425 रुपए के अतिरिक्त दिया जाएगा। यानी समर्थन मूल्य पर किसानों को 2600 रुपए प्रति क्विंटल के भाव मिलेंगे। मंगलवार को मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इसके अलावा धान पर चार हजार प्रति हैक्टेयर प्रोत्साहन राशि देने पर मुहर लग गई है। इसके साथ, ही महाकाल मंदिर में 488 होमगार्ड स्वयंसेवकों की तैनाती के लिए भी कैबिनेट ने सहमति दी है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा मास्टर टीचर का प्रशिक्षण
कैबिनेट में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मास्टर टीचर का प्रशिक्षण देने का भी फैसला लिया गया। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सिखाया जाएगा कि आंगनवाड़ी आने वाले बच्चों को व्यवहारिक ज्ञान के साथ सामान्य ज्ञान कैसे पढ़ाया जाए। एक और महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए सरकार ने तय किया है कि प्लानिंग एरिया के बाहर भी उद्योग स्थापित हो सकेंगे। प्रस्ताव आने पर बड़े उद्योग प्लानिंग एरिया के बाहर स्थापित करने का फैसला सरकार ले सकेगी।
छिंदवाड़ा के लिए भी कैबिनेट ने लिया बड़ा फैसला
कैबिनेट में वर्तमान में छिंदवाड़ा फारेस्ट सर्कल केअंतर्गत तीन वनमंडलों पूर्व/पश्चिम/दक्षिण छिंदवाडा को पुनर्गठित किये जाने का निर्णय लिया गया हैं। निर्णय अनुसार दक्षिण छिंदवाड़ा वनमंडल के 662.742 वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र को नवगठित पांढुर्णा वनमंडल में तथा शेष 293.944 वर्ग कि.मी. वनक्षेत्र को पूर्व व पश्चिम छिंदवाड़ा वनमंडलों में शामिल किया जायेगा एवं वनमंडल दक्षिण छिंडवाड़ा को समाप्त किया जायेगा। दक्षिण छिन्दवाड़ा वनमण्डल से पुनर्गठित पांढुर्णा तथा पूर्व व पश्चिम छिंडवाड़ा वनमण्डलों में पदों का पुर्न आवंटन किया जायेगा।
जीआईसी में मिले प्रस्तवों को जमीन पर उतारने के लिए निर्देश
कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद हुई कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को समिट के प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए सतत फॉलो-अप करने और विभाग प्रमुखों के साथ रिव्यू करने का निर्देश दिया है। प्रमुख सचिव हर हफ्ते रिव्यू करेंगे और मुख्य सचिव को इसकी रिपोर्ट देंगे। मंत्री भी इन प्रस्तावों को साकार करने के लिए कार्य करेंगे। इस दौरान सेक्टरवार मिले निवेश प्रस्तावों की जानकारी साझा की गई। इस साल 30 मार्च से 30 जून तक प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान संचालित किया जाएगा।