मध्यप्रदेश की राजधानी 8 शहरों के सरकारी अस्पतालों में चार माह के भीतर आधुनिक वैक्सीनेशन सेंटर बनकर तैयार हो जाएंगे। यहां बच्चों को खेलने के लिए खिलौनों साथ परिजनों के मनोरंजन की सुविधा होगी। यहां वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी मिलेगा।
मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए निजी अस्पतालों की तरह मॉडर्न वैक्सीनेशन सेंटर तैयार कर रहा है। प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत 8 शहरों के सरकारी अस्पतालों में चार माह के भीतर आधुनिक वैक्सीनेशन सेंटर बनकर तैयार हो जाएंगे।
इन सेंटरों में वैक्सीनेशन के लिए आने वाले बच्चों को घरनुमा माहौल प्रदान किया जाएगा। यहां बच्चों को खेलने के लिए खिलौनों साथ परिजनों के मनोरंजन की सुविधा भी होगी। खास बात यह है कि इन सेंटरों में वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट भी मिलेगा।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के आठ शहरों में 26 मॉडर्न वैक्सीनेशन सेंटर बनाने के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बजट दे रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई बार वैक्सीनेशन केंद्रो में सुविधा नहीं होने की वजह से लोग अपने बच्चों को वैक्सीनेशन करने निजी अस्पतालों में ले जाते हैं।
आधुनिक वैक्सीनेशन सेंटर बनने से टीकाकरण की संख्या बढ़ेगी। मॉडर्न सेंटर में शून्य से 18 साल के बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी होगा। गौरतलब है कि प्रदेश में सप्ताह में दो बार बच्चों के वैक्सीनेशन के 12 हजार सेशन होते हैं। हर सेशन में करीब 50 हजार बच्चों का टीका लगाया जाता है।
यह सुविधाएं मिलेंगी
- टीकाकरण के दौरान बच्चों को आराम से सुलाने की जगह होगी।
- सेंटर पर यूविन पोर्टल से ऑनलाइन अपॉइंटमेंट की सुविधा होगी।
3.माता-पिता और अभिभावकों के लिए बैठने की आरामदायक व्यवस्था।
- बड़े बच्चों के लिए प्ले एरिया भी होगा।
- वैक्सीन को उचित तापमान और सुरक्षा के साथ रखने के लिए विशेष व्यवस्था होगी।
6- पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था होगी ताकि टीकाकरण सही से हो सके।
कहां-कहां बनेंगे सेंटर
भोपाल- 4, उज्जैन- 4,ग्वालियर- 4,जबलपुर-4 ,इंदौर- 4, सागर- 2, रीवा- 4, छिंदवाड़ा- 1 सेंटर होंगे। राजधानी भोपाल के जयप्रकाश जिला (जेपी) अस्पताल, सिविल अस्पताल, गांधीनगर, सिविल अस्पताल, बैरागढ़ और कैलाशनाथ काटजू अस्पताल में सेंटर बनाया जाएगा।
एनएचएम की एमडी डॉ. सलोनी सिडाना ने बताया कि मॉडर्न वैक्सीनेशन सेंटर बनाने का काम तेजी पर है। एक दो सेंटर बनकर तैयार भी हो गए हैं। अगले 4 महीने के भीतर सभी सेंटरों को चालू करने का लक्ष्य है। इन सेंटरों में घरेलू वातावरण देने का प्रयास किया जा रहा है। पहले फेज में प्रदेश के आठ शहरों में 26 केंद्र बनाए जा रहे हैं।



