29.2 C
Bhopal

कर्नल सोफिया पर बोलकर फंस गए मंत्री शाह: मप्र हाईकोर्ट ने कैंसर से की बयान की तुलना , शीर्ष अदालत ने कहा- क्या यह मंत्री को शोभा देता है

प्रमुख खबरे

जबलपुर/भोपाल। कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी कर मप्र के कैबिनेट मंत्री विजय शाह बुरी तरह से घिरते जा रहे हैं। एक तरफ जहां उन पर इस्तीफे का भारी दबाव है, तो वहीं दूसरी ओर शाह को कोर्ट की कड़ी फटकार का सामना करना पड़ रहा है। मप्र हाईकोर्ट ने जहां शाह के बयान को कैंसर से भी खतरनाक बताया है, तो वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए बयान पर शाह को जमकर लताड़ लगाई है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज होने के बाद शाह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत तो नहीं मिली, पर शीर्ष अदालत की कड़ी फटकार का जरूर सामना करना पड़ा।

सीजेआई बीआर गवई ने विजय शाह को फटकार लगाते हुए कहा कि आप किस तरह का बयान दे रहे हैं? आप मंत्री हैं। मंत्री होकर किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या यह मंत्री को शोभा देता है? कोर्ट ने कहा कि संवैधानकि पद पर बैठे शख्स से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं की जाती। जब देश इस तरह की स्थिति से गुजर रहा हो तब जिम्मेदारी भरे पद पर बैठे शख्स से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए। यह कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

सीजेआई ने कहा कि आप जानते हैं ना कि आप कौन हैं? इस पर विजय शाह ने वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल ने माफी मांग ली है। मीडिया ने उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया है। बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री विजय शाह के सोफिया कुरैशी पर विवादित बायन हाईकोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ महू तहसील स्थित मानपुर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। विजय शाह के खिलाफ यह एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की तीन गंभीर धाराओं – धारा 152, 196(1)(बी) और 197(1)(सी) के तहत दर्ज की गई, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

हाईकोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले हाईकोर्ट ने कहा था कि मंत्री ने गटरछाप भाषा का इस्तेमाल किया, जो अस्वीकार्य है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने कर्नल कुरैशी को पहलगाम हमले के आतंकियों की बहन कहने वाले बयान को अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाला बताया। साथ ही कहा कि यह भारत की एकता, अखंडता को खतरे में डालने वाला है। कोर्ट ने कहा कि सशसत्र बल संभवत: देश में मौजूद आखिरी संस्था हैं, जो ईमानदारी अनुशासन, त्याग, बलिदान, स्वार्थहीनता व अदम्य साहस को प्रतिबिंबित करती है, जिससे देश का कोई भी नागरिक खुद को इससे जोड़कर देख सकता है। इसे विजय ने निशाना बनाया है। पीठ ने कहा कर्नल कुरैशी व विंग कमांडर व्योमिका सिंह सशर बलों के चेहरे थे, जिन्होंने आॅपरेशन सिंदूर को प्रगति के बारे में मीडिया को जानकारी दी थी। कर्नल कुरैशी मुस्लिम धर्म को मानने वाली हैं। उन्हें आतंकियों की बहन बताकर यह भावना पैदा की गई कि व्यक्ति की निस्वार्थता और कर्तव्यों के बावजूद सिर्फ इसलिए उपहास किया सकता है, क्योंकि यह मुस्लिम है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने मांगा इस्तीफा
मंत्री शाह मामले को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निवास पर हुई बैठक में भाजपा के प्रदेश के वरिष्ठ नेता व मंत्री साह शामिल हुए। बताया जा रहा है कि इस दौरान मंत्री शाह से इस्तीफा मांगा गया, लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हुए और मोहलत मांगी। बैठक के बाद सीएम ने एक्स कर कहा कि माननीय हाईकोर्ट के निर्देश के पालन का आदेश दिया गया है। विवादित बयान के बाद मामला जब गरमाने लगा तो भाजपा संगठन ने मंत्री शाह को मंगलवार को भोपाल तलब किया। वे हवाई चप्पल में ही पार्टी कार्यालय पहुंचे और वरिष्ठ नेतागणों की फटकार खाने के बाद अपने बयान पर खेद प्रकरण करते नजर आए। इसके बाद उन्होंने माफी भी मांगी और कर्नल सोफिया कुरैशी को अपनी सगी बहन से ज्यादा बताया था, लेकिन उनकी यह माफी काम नहीं आई।

उमा भारती ने की इस्तीफे की मांग
शाह की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद से राजनीतिक और सामाजिक हलकों में भारी नाराजगी देखने को मिली। पूरे प्रदेश में प्रदर्शन शुरू कर दिए थे और मंत्री के इस्तीफ की मांग की थी। वहीं भाजपा के भीतर भी इस बयान को लेकर असहजता थी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती समेत कई भाजपा नेताओं ने भी लाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। उमा भारती ने शाह को तत्काल बर्खास्त करने और एफआईआर की मांग की थी।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे