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अंबेडकर की आड़ में खोई सियासी जमीन तलाशेंगी मायावती: शाह के बयान पर आहत BSP 24 को करेगी देशव्यापी प्रदर्शन, माफी न मांगने पर किया यह ऐलान

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लखनऊ। संविधान पर चर्चा के दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान से देश का सियासी पारा हाई हो गया है। शाह के बयान के बाद से कांग्रेस समेत तमाम सियासी दलों ने भाजपा को अपने निशाने पर ले रखा है। इन सब के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी शाह के बयान को अंबेडकर का अपमान बताते हुए अपनी खोई सियासी जमीन तलाशने में जुट गई है। उन्होंने ऐलान किया है कि शाह द्वारा अंबेडकर का अपमान करने के मामले में बसपा 24 दिसंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। अमित शाह द्वारा माफी नहीं मांगने की वजह से बसपा सुप्रीमो ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का एलान किया है।

मायावती ने शनिवार को एक लिखित बयान जारी कर कहा है कि देश के दलित, वंचित व अन्य उपेक्षितों के आत्म-सम्मान व मानवीय हकूक के लिए मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आंबेडकर भगवान की तरह पूजनीय हैं। उनका अमित शाह द्वारा किया गया अनादर लोगों के दिलों को आहत कर रहा है। उनका अमित शाह द्वारा किया गया अनादर लोगों के दिलों को आघात पहुंचाता है। ऐसे महापुरुष को लेकर संसद में इनके द्वारा कहे गए शब्दों से पूरे देश में सर्वसमाज के लोग काफी उद्वेलित, आक्रोशित व आन्दोलित हैं।’

बाबा साहेब का दिल से आदर नहीं करती कांग्रेस-भाजपा
बाबा साहब को दलितों का मसीहा बताते हुए मायावती ने कहा, ‘दलित/बहुजनों को अपने पैरों पर खड़े होकर आत्म-सम्मान के साथ जीने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष व आरक्षण सहित उनको अनेकों कानूनी हक दिलाने वाले उनके सच्चे मसीहा बाबा साहब के नहीं रहने पर उनके अनुयाइयों का हित व कल्याण ही उनका सबसे बड़ा सम्मान है, जिसके लिए बीएसपी समर्पित है। कांग्रेस, भाजपा आदि पार्टियां अगर बाबा साहेब का दिल से आदर-सम्मान नहीं कर सकती हैं तो उनका अनादर भी न करें। बाबा साहेब के कारण एससी, एसटी एवं ओबीसी वर्गों को जिस दिन संविधान में कानूनी अधिकार मिले उसी दिन उन्हें सात जन्मों का स्वर्ग भी मिल गया है।’ ऐसे महापुरुष को लेकर संसद में इनके द्वारा कहे गए शब्दों से पूरे देश में सर्वसमाज के लोग उद्वेलित, आक्रोशित व आन्दोलित हैं। बसपा ने उनसे बयान वापस लेने व पश्चाताप करने की मांग की, जिस पर अभी तक भी अमल नहीं किया जा रहा है।

24 दिसंबर को देशव्यापी आंदोलन
उन्होंने आगे कहा कि दलित एवं बहुजनों को अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मसम्मान के साथ जीने के लिए आजीवन कड़ा संघर्ष व आरक्षण सहित उनको अनेकों कानूनी हक दिलाने वाले उनके सच्चे मसीहा बाबा साहब के नहीं रहने पर उनके अनुयाइयों का हित व कल्याण ही उनका सबसे बड़ा सम्मान है, जिसके लिए बसपा समर्पित है। उन्होंने कहा, ‘अम्बेडकरवादी बीएसपी ने इस क्रम में उनसे बयान वापस लेने व पश्चाताप करने की मांग की है, जिसपर अभी तक भी अमल नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मांग न पूरी होने पर फिर पूरे देश में आवाज उठाने की बात बीएसपी द्वारा की गई। इसीलिए अब पार्टी ने अपनी इस मांग के समर्थन में 24 दिसम्बर 2024 को देशव्यापी आन्दोलन करने का फैसला लिया है। उस दिन देश के सभी जिला मुख्यालयों पर पूर्णत: शान्तिपूर्ण धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।’

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