पहलगाम। जम्मू-कश्मीर के बायसरन घाटी हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई है। कायर आतंकियों ने नाम और धर्म पूछकर टूरिस्टों पर ताबड़तोड़ गोलिया बरसाकर उनकी नृशंस हत्या की। कई पर्यटक ऐसे भी हैं जिनकी हफ्ते -दस दिन या फिर दो महीने पहले शादी हुई थी। इनमें हरियाणा में करनाल के रहने वाले नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और कानपुर के रहने वाले शुभम भी शामिल हैं। लेफ्टिनेंट विनय की हत्या से 7 दिन पहले ही गुरुग्राम की हिमांशी नरवाल से शादी हुई थी। वे दोनों 21 अप्रैल को ही हनीमून मनाने के लिए पहलगाम किए थे। वहीं शुभम की शादी दो महीने दस पहले ऐशन्या के साथ हुई थी। यह जोड़ा में पहलगाम हनीमून मनाने गया था। आतंकियों ने पत्नी ऐशन्या के सामने ही गोलिया बरसाकर शुभम की हत्या कर दी।
हरियाणा के नेवी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की बात करें तो उनकी शादी अभी सात दिन पहले ही हुई थी। वह पत्नी हिमांशी नरवाल के साथ बायसरन हनीमून मनाए गए थे। आतंकियों ने नाम और धर्म पूछने के बाद उन पर ताबड़तोड़ गोलिया दागकर उनकी हत्या कर दी। जिसके बाद से उनके परिवार में मातम पसर गया है। अपना सबकुछ लुटा चुके विनय के पिता अब अपने बेटे के शव को लेने के लिए पहलगाम निकले हैं। वहीं हरियाणा विधानसभा के स्पीकर हरविंद्र कल्याण लेफ्टिनेंट विनय के घर पहुंचकर शोक जताया। इसके बाद वीडियो कॉल के जरिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने भी विनय के दादा से बात की।
हिमांशी ने किया था खुलासा- नाम पूछकर गोली मारी
बता दें कि आतंकी हमले के बाद विनय नरवाल पत्नी हिमांशी ने ही खुलासा किया था कि आतंकियों ने नाम पूछकर गोली मारी। हिमांशी का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें हिमांशी ने कहा था- मैं अपने पति के साथ भेलपुरी खा रही थी। एक आदमी आया और कहा ये मुस्लिम नहीं है, फिर गोली मार दी हिमांशी ने आगे कहा था कि मंगलवार को जब वे बैसरन घाटी में घूम रहे थे, उसी दौरान आतंकियों ने विनय पर फायरिंग कर दी। जिसमें उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि वह सुरक्षित है।
विनय के गांव के लोगों का आतंकियों के खिलाफ भारी आक्रोश
विनय के गांव के लोगों ने कहा आतंकियों के खिलाफ सख्त से सख्त कारवाही होनी चाहिए, अगर आतंकियों को छोड़ेंगे तो इस तरह के हमले फिर दोबारा होते रहेंगे। ऐसे आतंकियों के खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा देशभर में भी आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग जोर शोर से उठ रही है। इधर, आतंकियों को पकड़ने के लिए सुरक्षाबलों द्वारा सर्च आॅपरेशन चलाया जा रहा है।
कानपुर के शुभम-ऐशन्या के 70 दिनों में ही टूट रिश्तों की डोर
वहीं कानुपर के शुभम की बात करें तो सात जन्मों तक का साथ निभाने का वायदा करने वाले नवदंपति के रिश्तों की डोर 70 दिन में ही टूट गई। आतंकियों के सामने पत्नी ऐशन्या अपने सुहाग को बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकी। पति शुभम को छोड़ने के लिए हाथ जोड़े लेकिन दहशत के कारण मुंह से शब्द न निकल सके। आंखों के सामने पति की गोली मारकर हत्या देख आंखें फटी की फटी रह गईं। शुभम की हत्या के बाद से ऐशन्या और मां सीमा बदहवास हैं। दो महीने दस दिन बाद भी ऐशन्या के हाथों की मेहंदी अभी तक नहीं मिटी थी। पिता संजय और वहां मौजूद अन्य परिजन लगातार उन लोगों को हिम्मत दे रहे हैं। आर्मी के अधिकारियों ने श्रीनगर में एक होटल में मौजूद परिवार को पूरी मदद का आश्वासन दिया है।
शुभम के पिता ने जल्द शव दिलाने की अपील
आतंकियों की गोली का शिकार हुए शुभम के पिता और पूरा परिवार इस समय श्रीनगर के एक होटल में पुलिस और सेना की सुरक्षा में है। पिता डॉ. संजय द्विवेदी ने बताया कि उनके पास सेना के एक मेजर का फोन आया। कुछ देर के बाद मेजर वहां पहुंच गए। उनसे पूरी बात हुई। उन्होंने मेजर से कहा कि उनके बेटे की लाश जल्दी दिला दीजिए, जिससे हम अपने घर जाकर अंतिम संस्कार कर सकें। डॉ. संजय ने कानपुर के डीएम को भी फोन कर बेटे का शव जल्द से जल्द शहर लाने का इंतजाम कराने की अपील की। जिलाधिकारी ने जल्द-जल्द से इंतजाम कराने का आश्वसान दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भी उनके पास फोन आया था। उन्होंने पूरी जानकारी ली और हर संभव सहायता की बात कही।
फोन की घंटी बजते चौंक जाते
श्यामनगर स्थित संजय द्विवेदी के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 201 में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, उनके भाई मनोज के कुछ दूरी पर स्थित विनायत इन्कलेव में रिश्तेदारों के साथ क्षेत्र के लोग पहुंच गए। सभी वहां पूरे घटनाक्रम के बारे में चर्चा करते रहे। घर की गमगीन महिलाएं रोती बिलखती रहीं। श्रीनगर से फोन की घंटी बजते ही लोग चौंक जाते हैं। हर कोई परिवार को ढांढस बंधाता नजर आया। वहीं इलाके में भी जगह-जगह लगी लोगों की भीड़ इसी घटना की चर्चा करती रही।