मध्यप्रदेश की धरती से लगभग एक साल में सोना निकालने की शुरूआत हो जाएगी। इसके लिए सिंगरौली जिले के चकरिया गोल्ड ब्लॉक की माइनिंग लीज का एग्रीमेंट हो गया है। इसके साथ कटनी जिले के इमलिया ब्लॉक की माइनिंग लीज का अनुबंध एक महीने के अंदर होने वाला है।
लीजधारक कंपनियां सोना निकालने के लिए यहां एक साल के अंदर अपना पूरा सिस्टम इंस्टॉल कर लेंगी और सोना निकालना शुरू कर देंगी। चकलिया गोल्ड ब्लॉक 23.57 हैक्टेयर का है और इसमें लगभग 1 लाख 33 हजार 785 टन स्वर्ण अयस्क भंडार होने का अनुमान है। इससे 1 लाख 76 हजार 600 ग्राम सोना मिलने की संभावना है।
इमलिया ब्लॉक 6.51 हैक्टेयर का है और यहां से भी लगभग 25 हजार ग्राम सोना Gold Mine in MP) मिलने की संभावना है। इनके लिए सभी अनुमतियां हो चुकी है, इससे लीजधारक मशीनरी लगाकर तुरंत सोना निकालने की प्रक्रिया शुरू कर सकेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर बड़े स्तर पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
प्रदेश में अभी तक कुल पांच गोल्ड ब्लॉक में सोना मिलने की पुष्टि हुई है। इनमें से चार ब्लॉक सिंगरौली और एक कटनी जिले में है। चकरिया के अतिरिक्त अन्य चार ब्लॉक की भी नीलामी हो चुकी है। गुरहर पहाड ब्लॉक सघन वन क्षेत्र में है. इसलिए इसके लिए वन विभाग की एनओसी सहित अन्य अनुमतियां ली जा रही हैं। इसके साथ ईस्टर्न एक्सटेंसन ऑफ सोनकुरवा और अम्लीयवाह ब्लॉक प्रोस्पेक्टिंग के लिए देने की तैयारी की जा रही है। अभी प्रारंभिक जांच में यहां पर सोना अयस्क पाया गया था। अब यहां ड्रिलिंग कर और जांच की जाएगी। इसके बाद इन खदानों के माइनिंग लीज एग्रीमेंट किए जाएंगे। जबकि कटनी की इमलिया खदान का माइनिंग एग्रीमेंट एक माह में होने वाला है।
चकरिया गोल्ड ब्लॉक को ई-नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से नीलाम किया गया। यह ब्लॉक गरिमा नेचुरल रिसोर्सेज प्रा. लि. को नीलामी के माध्यम से मिला है। खनिज विभाग ने तत्काल आगे का काम शुरू करने के लिए कहा है। खनिज संसाधन आयुक्त फेंक नोबल ए. ने बताया कि एक माह के अंदर कटनी के इमलिया के गोल्ड ब्लॉक की माइनिंग लीज का अनुबंध हो जाएगा। इसके बाद दोनों खदानों से सोना निकालने की शुरूआत हो जाएगी। अभी कर्नाटक में ही माइनिंग हो रही थी. लेकिन अब मप्र में भी होगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर और विकसित भारत के आहवान पर मध्यप्रदेश ने खनन क्षेत्र में नया इतिहास रचा है। मध्यप्रदेश मिनरल प्रदेश ऑफ इंडिया बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश में पहली बार सिंगरौली स्थित चकरिया गोल्ड ब्लॉक के स्वर्ण खनन पट्टे का निष्पादन किया गया है, जिसने मध्यप्रदेश को सीधे वैश्विक स्वर्ण खनन मानचित्र पर प्रतिष्ठित कर दिया है। चकरिया गोल्ड खनन पट्टे के संचालन से बहुआयामी लाभ होने की उम्मीद है। इससे स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
जबलपुर जिले की सिहोरा तहसील के महगवां केवलारी क्षेत्र में लौह और मैगनीज अयस्क के साथ सोने के कण मिले। यहां पर भी एक्सप्लोरेशन शुरू हुआ है। भूवैज्ञानिकों ने अभी इसकी प्रारंभिक पुष्टि की है। अब यहां एक्सप्लोरेशन करने की तैयारी चल रही है। इससे यहां ड्रिलिंग कर सोने का पता लगाया जाएगा।