लद्दाख़ को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी दफ्तर में आगजनी की गई है।
हिंसक झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हैं। हिंसक प्रदर्शन के बाद लेह में धारा 163 लागू कर दी गई है। एक साथ पांच या उससे ज़्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। बिना इजाज़त के जुलूस या प्रदर्शन पर भी पाबंदी है।
प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया। सड़क पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने भाजपा दफ्तर पर भी हमला किया। इस दौरान उन्होंने जमकर पत्थरबाजी की और पुलिस वाहन को भी आग के हवाले कर दिया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदर्शनकारी राज्य का दर्जा और लद्दाख के संवैधानिक अधिकारियों की बहाली की मांग को लेकर जुटे थे। स्थिति को बिगड़ता देख स्थानीय पुलिस ने प्रदर्शन की जगह पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है
वहीं, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने लेह शहर में हुई हिंसक घटना की कड़ी निंदा की है, जिसमें चार लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। उपराज्यपाल ने दुखद मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया और शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की। एलजी ने कहा कि किसी भी रूप में हिंसा अस्वीकार्य है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एक अधिकारी ने बताया कि लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की और बीजेपी कार्यालय और कई वाहनों पर हमला किया, जिसके बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी। अधिकारियों ने बताया कि झड़पों में चार लोग मारे गए और 30 अन्य घायल हो गए।
हिंसक प्रदर्शन के बाद सोनम वांगचुक ने 15 दिनों का अनशन तोड़ दिया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हिंसा रोकने की अपील की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण रास्ते का प्रयास विफल हुआ है।
लद्दाख़ को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लेह में छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किया है। जानकारी के अनुसार, बीजेपी दफ्तर में आगजनी की कई है। हिंसक झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हैं। हिंसक प्रदर्शन के बाद लेह में धारा 163 लागू कर दी गई है। एक साथ पांच या उससे ज़्यादा लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई है। बिना इजाज़त के जुलूस या प्रदर्शन पर भी पाबंदी है।