नई दिल्ली। अमेरिका और चाइना के बीच टैरिफ वार जारी है। इसी कड़ी में अमेरिका की ओर से चीन पर लगाए गए 145% टैरिफ पर अब चीन ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया है। चीन ने आयातित अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ 84 फीसदी से बढ़ाकर 125 फीसदी करने की घोषणा कर दी है। अमेरिका पर यह टैरिफ कल शनिवार से लागू हो जाएगा। बता दें कि चीन एकमात्र देश है जिसने ट्रम्प के टैरिफ के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की।
चीन के वित्त मंत्रालय ने बताया कि 12 अप्रैल से चीन में अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ 84 फीसदी से बढ़कर 125 फीसदी हो जाएगा। बयान में कहा गया कि अगर अमेरिका इसी तरह चीन के हितों को कुचलता रहा तो हम आखिरी दम तक प्रतिक्रिया देंगे। वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि अमेरिका की ओर से टैरिफ बढ़ाने के बाद चीन ने विश्व व्यापार संगठन में मुकदमा भी दायर किया है। बता दें कि इससे पहले चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 84 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था और कुछ अमेरिकी फिल्मों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग क्या बोले?
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनका देश डरने वाला नहीं है। उन्होंने शुक्रवार को यूरोपीय संघ से अमेरिका की धमकी का विरोध करने में बीजिंग के साथ जुड़ने का आह्वान किया और कहा कि टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं होता है। शी ने स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज के साथ बैठक के दौरान कहा, चीन और यूरोपीय संघ आर्थिक वैश्वीकरण और मुक्त व्यापार के दृढ़ समर्थक हैं। शी ने कहा, टैरिफ युद्ध में कोई विजेता नहीं होता है। उन्होंने चीन और यूरोपीय संघ से एकतरफा धौंस का संयुक्त रूप से विरोध करने का आह्वान किया। शी का इशारा अमेरिका के व्यापक वैश्विक टैरिफ की ओर था।
चीन ने खुद अपनी मेहनत के दम पर विकास किया
जिनपिंग ने कहा कि 70 सालों में चीन ने खुद अपनी मेहनत के दम पर विकास किया है। हम किसी के दबाव में झुकने वाले नहीं है। उन्होंने यूरोपीय संघ से अमेरिका के इस एकतरफा दादागीरी के खिलाफ एकजुट होने का अनुरोध किया। शी जिनपिंग ने अमेरिका के साथ बढ़ते ट्रेड वॉर पर चीन और ईयू के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चीन और यूरोप को अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियां निभानी चाहिए और मिलकर इस एकतरफा दादागीरी का जवाब देना चाहिए।