ओटीटी और सोशल मीडिया के अश्लील कॉन्टेंट पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर हुई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया। उन्होंने जो दलील पेश की, उसे सबको जानना-समझना चाहिए।
इंडिया गॉट लेटेंट’ और ‘हाउस अरेस्ट’ जैसे शोज के कॉन्टेंट को लेकर लोगों में भारी गुस्सा देखने को मिला. शो मेकर्स और उनके कंटेस्टेंट के खिलाफ केस दर्ज हुए। उन्हें बैन कर दिया गया।
अब सोशल मीडिया-ओटीटी के अश्लील कॉन्टेंट पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर हुई, तो सुप्रीम कोर्ट ने उस पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर इस याचिका में कुछ अतिरिक्त तथ्य हैं तो इसी मुद्दे पर दाखिल पुरानी याचिका में इस मांग को रखें. इसी मामले पर दाखिल एक याचिका पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार से जवाब मांग चुका है।
नई याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट नेशनल कॉन्टेंट कंट्रोल अथॉरिटी का गठन करे जो इन प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करता है।
28 अप्रैल को ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अश्लील कॉन्टेंट के प्रसारण पर रोक लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और कंपनियों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था।
कोर्ट ने जिन प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी किया है, उनमें नेटफ्लिक्स, अमेजन, उल्लू डिजिटल लिमिटेड, ऑल्ट बालाजी, ट्विटर, मेटा प्लेटफॉर्म और गूगल शामिल हैं।
पूर्व सूचना आयुक्त उदय माहूरकर समेत अन्य ने दायर याचिका में मांग की थी कि कोर्ट केंद्र सरकार को नेशनल कॉन्टेंट कंट्रोल अथॉरिटी का गठन करने का निर्देश दे, जो इन प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता को रोकने के लिए दिशानिर्देश तय करे।