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पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को रोका, अटारी बॉर्डर होगी बंद

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पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने सख्त रूख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को रोक दिया है। अटारी बॉर्डर को बंद करने का फैसला लिया है। पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों को भारत में अवांछित घोषित करते हुए उन्हें एक हफ्ते का समय भारत छोड़ने के लिए दिया है। पाकिस्तान स्थित भारत उच्चायोग भी खत्म किया जा रहा है

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने बड़ा राजनयिक कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया है।

भारत ने कहा है कि ये तब तक स्थगित रहेगा जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए चरमपंथी हमले के बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई।

इस बैठक में कई अहम फ़ैसले लिए गए, जिसमें पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया गया इसके साथ ही अटारी बॉर्डर को भी बंद करने का फ़ैसला किया गया है।

प्रधानमंत्री आवास पर हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल सहित कई शीर्ष अधिकारी मौजूद थे।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को चरमपंथी हमला हुआ था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हुए हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सीसीएस की बैठक में लिए गए फ़ैसलों की जानकारी दी।

भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित रखने का फ़ैसला किया है। ये फ़ैसला तब तक लागू रहेगा जब तक पाकिस्तान विश्वसनीय ढंग से सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना बंद नहीं कर देता।

भारत ने अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को भी तुरंत प्रभाव से बंद करने का फ़ैसला किया है. सरकार की ओर से कहा गया है कि जो लोग मान्य दस्तावेजों के आधार पर इधर आए हैं वो इस रूट से 1 मई 2025 से पहले वापस जा सकते हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि अब पाकिस्तानी नागरिक सार्क वीजा छूट स्कीम (एसवीईएस) के तहत जारी वीजा के आधार पर भारत की यात्रा नहीं कर पाएंगे। एसवीईएस के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को पूर्व में जारी किए वीजा रद्द माने जाएंगे. एसवीईएस के तहत जो भी पाकिस्तानी नागरिक भारत में हैं उन्हें 48 घंटों में भारत छोड़ना होगा।

नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉ ग्रेटा) व्यक्ति करार दिया गया है। उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।

भारत इस्लामाबाद स्थित अपने उच्चायोग के रक्षा/सैन्य, नौसेना और वायु सेना सलाहकारों को भी वापस बुला रहा है। दोनों उच्चायोग में ये पद खत्म माने जाएंगे।

दोनों उच्चायोगों से इन सैन्य सलाहकारों के पांच सपोर्ट स्टाफ को भी वापस ले ले लिया जाएगा।

उच्चायोगों में कर्मचारियों की संख्या 55 से धीरे-धीरे घटाकर 30 कर दी जाएगी. ये फ़ैसला 1 मई 2025 से लागू हो जाएगा।

सीसीएस ने देश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा बलों को बेहद चौकस रहने को कहा है।

बैठक में कहा गया कि पहलगाम हमलों की साजिश रचने वालों के ख़िलाफ़ पूरी कार्रवाई की जाएगी।

इसमें कहा गया कि जिस तरह से तहव्वुर राना को भारत लाया गया उसी तरह भारत के ख़िलाफ़ चरमपंथी कार्रवाई करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।

भारत का दौरा कर रहे अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस ने मंगलवार को अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, “उषा और मैं भारत के पहलगाम में हुए भयानक आतंकवादी हमले के पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं। पिछले कुछ दिनों में, हम इस देश और यहां के लोगों की खूबसूरती से अभिभूत हो गए हैं। इस भयानक हमले में हमारे संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके साथ हैं।”

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