वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से दूसरी बार सत्ता संभाली है, तब से ऐसे बड़े-बड़े फैसले ले रहे हैं, जिससे दुनिया भर की टेंशन बढ़ जाती है। इसी कड़ी में अब ट्रंप ने अप्रवासियों की मुश्किलें बढ़ाने वाला फैसला ले लिया है। दरअसल अब सभी अप्रवासियों को 24 घंटे अपने कानूनी दस्तावेज और पहचान पत्र साथ रखने होंगे। यह नियम ट्रंप के एक आदेश आक्रमण के विरुद्ध अमेरिकी लोगों की सुरक्षा के तहत लागू किया गया है, जिसका मकसद अमेरिका में अवैध अप्रवासियों पर सख्ती करना है.
अमेरिकी कोर्ट ने सरकार को इस विवादास्पद नियम को लागू करने की अनुमति दे दी है. जिसे अमेरिका में 11 अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है। नए नियमों के बाद अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे लोगों को परेशानी होगी और उन पर निर्वासन की तलवार लटक जाएगी। उल्लेखनीय है कि कानूनी तौर पर अमेरिका में रह रहे अप्रवासियों, ग्रीन कार्ड धारक, एच-1बी वीजा या अन्य वैध अप्रवासियों को भी पंजीकरण कराना होगा।
दो लाख से ज्यादा भारतीय अवैध अप्रवासी
अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय हैं, जिनमें से करीब दो लाख से ज्यादा लोग अवैध अप्रवासी हैं। बता दें कि अमेरिका में एलियन रजिस्ट्रेशन रिक्वायरमेंट कानून साल 1940 से मौजूद है, जिसके तहत अमेरिका में रहने वाले सभी अप्रवासियों को पंजीकरण कराना होता है, लेकिन अभी तक इस कानून का सख्ती से पालन नहीं हो रहा था।
कानून का सख्ती से किया जाएगा पालन
अब ट्रंप के नए कार्यकारी आदेश के बाद इस कानून का सख्ती से पालन किया जाएगा। व्हाइट हाउस की सचिव कैरोलिन लेविट ने बयान जारी कर कहा है कि ‘सभी अवैध अप्रवासी, जो 30 दिन से ज्यादा अमेरिका में रह रहे हैं, उन्हें खुद को संघीय सरकार के समक्ष पंजीकृत कराना होगा। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो अवैध अप्रवासियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और जुमार्ना लगाकर निर्वासित कर दिया जाएगा।’
सभी अप्रवासियों को पंजीकरण कराना हुआ अनिवार्य
नियमों के तहत 14 साल से ज्यादा उम्र के सभी अप्रवासियों को सरकार के समक्ष पंजीकरण कराना होगा और 14 साल से कम उम्र के बच्चों का पंजीकरण उनके माता-पिता को कराना होगा। 11 अप्रैल के बाद अमेरिका में आने वाले सभी अप्रवासियों को 30 दिनों के भीतर खुद का पंजीकरण कराना होगा। ऐसा नहीं करने वालों को जुमार्ने और जेल की सजा, दोनों का प्रावधान है। अगर कोई अप्रवासी अपना पता बदलता है तो इसकी भी जानकारी 10 दिनों के भीतर सरकार को देनी होगी।