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पानी को लेकर तीसरा विश्व युद्ध लड़ा गया तो भारत उसका हिस्सा नहीं होगा

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जल शक्ति मंत्रालय ने विश्व जल दिवस के अवसर पर, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और हरियाणा सरकार के सहयोग से हरियाणा के पंचकूला में जल शक्ति अभियान के बहुप्रतीक्षित छठे आयोजन कैच द रेन – 2025 का शुभारंभ किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सामुदायिक भागीदारी और नवीन नीतियों के माध्यम से जल संरक्षण और प्रबंधन पर जोर देना था। इसमें देश भर से 10,000 से अधिक नागरिकों, हितधारकों और जल क्षेत्र के विशेषज्ञों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय जल मिशन द्वारा आयोजित यह अभियान पहली बार दिल्ली के बाहर शुरू किया गया है – जो जमीनी स्तर तक व्यापक पहुंच का प्रतीक है।

“जल संचय, जन भागीदारी: जन जागरूकता की ओर” थीम वाले इस अभियान में जलवायु परिवर्तन और बढ़ती जल चुनौतियों के मद्देनजर जल सुरक्षा, वर्षा जल संचयन और भूजल पुनर्भरण के महत्व पर जोर दिया गया है। इसका एक प्रमुख आकर्षण देश भर में जल शक्ति अभियान 2025 का राष्ट्रव्यापी वर्चुअल शुभारंभ था, जिसमें 148 फोकस जिलों पर विशेष जोर दिया गया।

इसके बाद पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से “जल-जंगल-जन: एक प्राकृतिक बंधन अभियान” का शुभारंभ किया गया, जिसका उद्देश्य जंगलों, नदियों और झरनों के बीच पारिस्थितिक संबंधों को बहाल करना है। जल शक्ति अभियान, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और हरियाणा सरकार के तहत इन पहलों पर ऑडियो विजुअल (एवी) फिल्में भी लॉन्च की गईं।

इस कार्यक्रम में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री  श्रुति चौधरी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री  सी. आर. पाटिल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत के जल क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रगति प्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है। उन्होंने टिप्पणी की कि पहले, पानी की उपलब्धता और गुणवत्ता के मुद्दे मुख्यधारा के राष्ट्रीय विमर्श का हिस्सा नहीं थे लेन आज, प्रधानमंत्री के नेतृत्व के कारण, पूरे भारत में नागरिकों तक दरवाजे पर पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल पहुंच रहा है।

श्री पाटिल ने जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा: “हम अक्सर धन संचय (धन की बचत) की बात करते हैं, लेकिन जल संचय (पानी की बचत) इससे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने दोहराया कि सामुदायिक भागीदारी महत्वपूर्ण है, और प्रत्येक नागरिक के योगदान से ही वास्तविक अर्थ में जल सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है।

श्री पाटिल ने “जहां भी बारिश होती है उसे इकट्ठा करें” के सिद्धांत का समर्थन किया, जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक गांव के पानी को उसी गांव के भीतर रिचार्ज किया जाना चाहिए।

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सभा को संबोधित करते हुए स्थायी जल समाधान के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। मुख्यमंत्री ने जल-कुशल कृषि, सूक्ष्म सिंचाई और पारंपरिक जल निकायों के पुनरुद्धार में हरियाणा के प्रयासों पर प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने जागरूकता को कार्रवाई में बदलने के लिए एक शक्तिशाली मंच के रूप में जल शक्ति अभियान की प्रशंसा की और प्रतिबद्धता जताई कि हरियाणा वर्षा जल संचयन, पुनर्भरण संरचनाओं और सहभागी जल प्रबंधन को लागू करने में उदाहरण पेश करेगा।

हरियाणा की सिंचाई एवं जल संसाधन मंत्री श्रीमती श्रुति चौधरी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि जल संरक्षण को एक सच्चा जन आंदोलन बनना चाहिए। उन्होंने जल क्षेत्र में हरियाणा सरकार के वर्तमान सुधारों को रेखांकित किया और जल संसाधनों की सुरक्षा एवं उनके सतत प्रबंधन में स्थानीय शासन, महिलाओं और युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। श्रीमति चौधरी ने वर्तमान जल चुनौतियों से निपटने के लिए पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने का भी आह्वान किया।

 

 

 

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