25.9 C
Bhopal

ग्वालियर में समरसता सम्मेलन कल, सीएम मोहन होंगे शामिल, जौरासी गांव में आकार ले रहे अंबेडकर धाम का करेंगे भूमि-पूजन

प्रमुख खबरे

भोपाल। ग्वालियर में कल शनिवर को समरसता कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। आयोजन में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल होंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ग्वालियर के जौरासी गांव में बनने वाले अंबेडकर धाम का भूमि-पूजन करेंगे। यह स्थल सामाजिक समरसता, न्याय और समानता के प्रतीक डॉ. अंबेडकर के विचारों का जीवंत केंद्र बनेगा। मुख्यमंत्री इस अवसर पर विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को लाभ वितरित करेंगे, सामाजिक समरसता की शपथ दिलाएंगे और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले नागरिकों को सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में सामाजिक एकता पर विषय विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। इस अवसर पर सहभोज का आयोजन भी किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि समाज के सर्वांगीण विकास और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार संविधान निमार्ता डॉ. भीमराव अंबेडकर की सामाजिक समरसता की भावना के अनुसार सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा है कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के सामाजिक परिदृश्य में तेजी से सकारात्मक बदलाव आ रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का कहना है कि विकास की मुख्यधारा में हर वर्ग को साथ लेकर चलने से ही सामाजिक एकता मजबूत होती है। सामाजिक समरसता ही वह भावना है जो कठिन परिस्थितियों में भी परस्पर सहयोग और मदद के लिए प्रेरित करती है। सशक्त समाज से ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।

दृढ़ सामाजिक समरसता के लिए संकल्पित सरकार

  • राज्य सरकार ने भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचारों और योगदान को सम्मान देते हुए सामाजिक समरसता को सशक्त करने के लिए शिक्षा, रोजगार, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक न्याय को केंद्र में रखकर कई योजनाएं शुरू की हैं।
  • डॉ. अंबेडकर के जीवन, विचारों और योगदान को सम्मान देते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के सशक्तिकरण के लिए राज्य शासन की कई प्रभावी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। योजनाओं का उद्देश्य सामाजिक समरसता, आर्थिक उन्नयन, शैक्षिक प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण करना है।
  • डॉ. अंबेडकर से जुड़े पांच प्रमुख स्थलों — महू (जन्मस्थली), दिल्ली (महापरिनिर्वाण स्थल), नागपुर (दीक्षाभूमि), मुंबई (चैत्यभूमि) और लंदन (शिक्षा स्थल) — को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में शामिल किया गया है। महू स्थित डॉ. अंबेडकर की जन्मस्थली का समग्र विकास किया गया है, जिसमें स्मारक, संग्रहालय, पार्क, सभागार और स्वागत द्वार का निर्माण हुआ है। साथ इस ह्लआस्था स्थलह्व और अंतरराष्ट्रीय शोध केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में भी कार्य चल रहा है।भोपाल स्थित डॉ. अंबेडकर स्मारक, पुस्तकालय और भवन का भी नवीनीकरण एवं विस्तार किया गया है।
  • राज्य में वर्ष 2004 से संचालित डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण और ब्याज सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। हाल ही में डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना की शुरूआत की गई है, जिसका उद्देश्य दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहन और पशुपालकों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत 42 लाख तक के ऋण पर 33% तक की सब्सिडी दी जा रही है। डॉ. अंबेडकर उद्योग उदय योजना के माध्यम से एससी-एसटी उद्यमियों को एमएसएमई क्षेत्र में प्रोत्साहन और वित्तीय सहयोग दिया जा रहा है।
  • डॉ. भीमराव अंबेडकर मेधावी विद्यार्थी पुरस्कार योजना के अंतर्गत बोर्ड परीक्षाओं में श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले अनुसूचित जाति के छात्रों को 30 हजार रुपये तक का पुरस्कार दिया जाता है। डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना और अंबेडकर फेलोशिप के जरिए उच्च शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सीहोर और मुरैना में स्थापित डॉ. अंबेडकर तकनीकी शिक्षा संस्थानों में आवासीय प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।
  • सागर जिले में डॉ. अंबेडकर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना अप्रैल माह में की गई है। भोपाल में प्रदेश के सबसे लंबे फ्लाई-ओवर का नामकरण डॉ. अंबेडकर के नाम पर किया गया है। जून 2025 में अंबेडकर गौशाला विकास योजना को मंजूरी दी गई, जिसके तहत 5 हजार से अधिक पशुओं वाली गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
  • डॉ. अंबेडकर सामाजिक समरसता अभियान के तहत प्रदेशभर में पंचायत स्तर तक जनसंवाद, रैलियाँ, नाटक, प्रतियोगिताएं और संविधान जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। प्रदेश के कई बस स्टैंड, सड़कें, उद्यान, पुस्तकालय एवं महाविद्यालयों का नामकरण डॉ. अंबेडकर किया गया है। वर्ष 2016 में महू रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर अंबेडकर नगर स्टेशन किया गया।
  • केन्द्र सरकार ने डॉ. अंबेडकर के विचारों, योगदान और आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाने के लिए महत्वपूर्ण पहल की है। इनका उद्देश्य सामाजिक न्याय, शिक्षा, सशक्तिकरण और समावेशी विकास को मजबूती देना है। डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया, जो उनके ऐतिहासिक योगदान का राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान था।
  • डॉ. अंबेडकर की स्मृति से जुड़े बड़ोदरा स्थित संकल्प भूमि ह्यबनयान ट्री कैंपसह्ण और सतारा (महाराष्ट्र) स्थित प्रताप राव भोंसले हाई स्कूल को राष्ट्रीय महत्व के स्मारक घोषित किया गया है। यहां उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई थी। सामाजिक न्याय मंत्रालय ने देश के कई विश्वविद्यालयों में डॉ. अंबेडकर सेंटर्स आॅफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है, जिनका उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करना है। डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने हेतु केंद्र सरकार ने डॉ. अंबेडकर के सम्मान में भीम ऐप (इऌकट अस्रस्र) की शुरूआत की, जो भारत के डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण का प्रतीक बन गया है।
  • डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय सामाजिक सहयोग एवं सशक्तिकरण संस्थान द्वारा डॉ. अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र (ऊअउए) योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत अनुसूचित जाति वर्ग के छात्रों को सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग दी जा रही है। लाभार्थियों को आवास निर्माण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
  • मध्यप्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं केवल कल्याणकारी ही नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता को जीवन में उतारने की दिशा में प्रभावी कदम हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य एक ऐसे समाज की ओर अग्रसर है, जहां सभी वर्गों को समान अवसर और सम्मान के साथ विकास की मुख्यधारा में शामिल किया जा रहा है।
- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे