नई दिल्ली। इंडियन वुमन क्रिकेट टीम को विश्व विजेता बनाने वाली भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने देश के युवाओं के नाम बड़ा संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि युवा सपने देखना कभी बंद न करें, आपको नहीं पता किस्मत आपको कहां ले जाएगी। बता दें कि 2005 और 2017 के वनडे विश्व कप फाइनल में मिली हार के बाद अपने तीसरे विश्व कप फाइनल (2025) में दक्षिण अफ्रीका को हराकर हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में टीम इंडिया ने इतिहास रचा।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा साझा एक वीडियो में हरमनप्रीत कौर ने कहा, “जब से मुझे बचपन में पसंद और नापसंद का अंदाजा हुआ, मेरे हाथ में हमेशा बल्ला रहा। मैं अपने पिता के बल्ले से खेला करती थी। बल्ला बड़ा था, एक दिन मेरे पिता ने अपने एक बल्ला काटकर छोटा कर दिया। हम उससे खेला करते थे। जब हम टीवी पर कोई मैच देखते थे, या भारत को खेलते हुए देखते थे, या विश्व कप देखते थे, तो मैं सोचती थी कि मुझे भी ऐसे ही किसी मौके की जरूरत है। उस समय, मुझे महिला क्रिकेट की जानकारी नहीं थी।”
मैंने देखा था बदलाव का सपना
उन्होंने कहा, “एक लड़की जिसे महिला क्रिकेट के बारे में नहीं पता था, वो नीली जर्सी पहनने का सपना देखती थी। ये जर्सी उसके लिए बहुत मायने रखती थी। मैंने बदलाव का सपना देखा था। यह सब दिखाता है कि आपको सपने देखना कभी नहीं छोड़ना चाहिए, आप नहीं जानते कि किस्मत आपको कहां ले जाएगी। आप कभी नहीं सोचते कि यह कब होगा, कैसे होगा। आप बस यही सोचते हैं कि यह होगा। इसलिए, मुझे लगता है, मेरा आत्मविश्वास था कि यह संभव हो सकता है। और ठीक वैसा ही हुआ।”
विश्व कप जीतने वाले लम्हें को कौर ने किया याद
विश्व कप जीतने वाले लम्हे को याद करते हुए हरमनप्रीत कौर ने कहा, विश्व कप जीतना मेरा बचपन का सपना था। मुझे अपनी कप्तानी में मिले इस मौके को गंवाना नहीं था। निजी तौर पर यह मेरे लिए बेहद भावुक पल है। यह जादू जैसा है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि अचानक सब कुछ कैसे ठीक हो गया। सब कुछ एक-एक करके होता रहा। हम विश्व चैंपियन हैं। मैं बहुत सुकून महसूस कर रही हूं, बहुत विनम्र हूं, और भगवान की बहुत आभारी हूं। हमने जो सपना सालों से देखा, उसे जी रही है।”
2017 के फाइनल में मिली हार ने तोड़ दिया था दिल
वनडे विश्व कप 2017 के फाइनल में 9 रन से मिली हार को याद करते हुए हरमन ने कहा, “मैच पर हमारी पकड़ के बावजूद मिली हार ने हमारा दिल तोड़ दिया था। लेकिन इस पल ने हमें कहीं न कहीं जीत की प्रेरणा दी। उपविजेता होने के बाद भी देश में जिस तरह का हमारा स्वागत हुआ, उसने भविष्य के लिए हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया और परिणाम सामने है। हमारी जीत का इंतजार पूरे देश को था। यह जीत अकेले संभव नहीं थी। स्टेडियम में मौजूद और टीवी पर देख रहे दर्शकों के आशीर्वाद और प्रार्थनाओं की वजह से ही हम ये मुकाम हासिल कर पाए।”



