मध्य प्रदेश के चार और सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता प्रदान की गई है, जिनमें भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) भी शामिल है। इसके साथ ही बीएससी नर्सिंग की सरकारी सीटों की संख्या 515 से बढ़कर अब 860 हो गई है।
मध्यप्रदेश में नर्सिंग की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए राहत की खबर है। हंगामे के बाद प्रदेश के चार सरकारी नर्सिंग कॉलेजों को नवीन मान्यता प्रदान की गई है, जिनमें भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) भी शामिल है। इसके साथ ही बीएससी नर्सिंग की सरकारी सीटों की संख्या 515 से बढ़कर अब 860 हो गई है।
कुल मान्यता प्राप्त सरकारी कॉलेजों की संख्या भी अब बढ़कर 8 हो चुकी है। हालांकि, राज्य के 21 सरकारी कॉलेजों ने मान्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन सिर्फ 8 को ही स्वीकृति मिल पाई है। मंगलवार तक केवल 4 कॉलेजों के पास मान्यता थी, और बुधवार को 4 नए कॉलेजों को जोड़ा गया।
बीएमएचआरसी को मिली मान्यता पर छात्र संगठन एनएसयूआई ने आपत्ति जताई है। संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया है कि बीएमएचआरसी का नर्सिंग कॉलेज लंबे समय से प्राचार्य के बिना संचालित हो रहा है, जो कि नर्सिंग काउंसिल के नियमों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि उप-प्राचार्य प्रभा गजपाल की पदोन्नति भी नियमानुसार नहीं हुई है। उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर से सीधे उप-प्राचार्य बना दिया गया, जो इंडियन नर्सिंग काउंसिल के नियमों का उल्लंघन है।
CBI रिपोर्ट में कमियों की बात
परमार ने यह भी दावा किया कि बीएमएचआरसी नर्सिंग कॉलेज को सीबीआई की रिपोर्ट में ‘डिफिशिएंट कैटेगरी’ में रखा गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि कॉलेज में पोषण प्रयोगशाला, एवी लैब और एडवांस स्किल लैब जैसी मूलभूत सुविधाओं की कमी है। इसके अलावा केवल 4 कक्षाओं में पढ़ाई हो रही है, जबकि मानक के अनुसार 8 होनी चाहिए।
बुधवार को इन 4 सरकारी कॉलेजों को मिली मान्यता
- भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी)
- शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, मेडिकल कॉलेज जबलपुर
- शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, ग्वालियर
- शासकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जबलपुर
पहले से मान्यता प्राप्त कॉलेज
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएमसी भोपाल
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, इंदौर
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, रीवा
- गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, उज्जैन