मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन डॉ. मोहन यादव सरकार का वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पारित हो गया। 2335 करोड़ रुपये के इस बजट को मंगलवार को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सदन में पेश किया था।
बुधवार को इस पर दो घंटे चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया था, लेकिन सदस्यों की भागीदारी को देखते हुए समय बढ़ाकर चार घंटे कर दिया गया। चर्चा के बाद देर शाम अनुपूरक बजट पारित कर दिया गया।
वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह अनुपूरक बजट समावेशी, गतिशील और भविष्य की सोच को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि विपक्षी सदस्यों ने बजट में कुछ कमियों और सुझावों को साझा किया, जिन्हें गंभीरता से लिया जाएगा।
बजट में स्वास्थ्य विभाग को सबसे अधिक आवंटन
बजट में स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे अधिक 1602 करोड़ 30 लाख रुपए, गृह विभाग के लिए 1242 करोड़ 71 लाख 6 हजार 778 रुपए, भू-राजस्व, जिला प्रशासन एवं आपदा राहत व्यय के लिए 98 करोड़ 87 लाख 50 हजार 400 रुपए समेत अन्य विभागों के लिए राशि का आवंटन किया गया है।
ये चार विधेयक भी पारित हुए
सदन में चार विधेयक मध्यप्रदेश विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, भारतीय स्टांप (म.प्र. संशोधन) विधेयक, रजिस्ट्री (म.प्र. संशोधन) विधेयक और भारतीय स्टांप (म.प्र. द्वितीय संशोधन) विधेयक भी पारित हुए।
कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले संविदा कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने को लेकर राज्य सरकार विचार कर रही है। इस संबंध में प्रश्न काल में विधायक चौधरी सुजीत मेर सिंह ने कोरोना काल में संविदा कर्मचारियों की मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति देने का मामला उठाया था।
इस पर स्वास्थ्य मंत्री और उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा कि संविदा कर्मचारी की कोरोना काल में मृत्यु होने पर उनके आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने का नियम है, लेकिन जिन कर्मचारियों के परिजनों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 50 लाख रुपये बीमा लाभ ले लिया है, उनको अनुकंपा नियुक्ति देना है या नहीं इस पर विचार किया जाएगा।