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फर्जी बैंक गारंटी : आबकारी अधिकारी सहित 7 के खिलाफ ईओडब्ल्यू में एफआईआर

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रीवा। रीवा जिले में फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर दिए गए शराब ठेकों का पर्दाफाश हुआ है। शराब ठेकेदार, जिला आबकारी अधिकारी और जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा की मिलीभगत से करोड़ों रुपए की हेराफेरी की गई है। बताया गया है कि 15 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी मामले में ईओडब्ल्यू ने आबकारी अधिकारी, बैंक अधिकारी एवं शराब ठेकेदारों पर एफआईआर दर्ज की है।अधिवक्ता बीके माला द्वारा 28 जून 2023 को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा द्वारा 15 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी के द्वारा शराब दुकानों के आवंटन की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिस पर ईओडब्ल्यू द्वारा जांच शुरू की गई और उसमें यह पाया गया कि शराब ठेकेदारों को नियमों के विरुद्ध फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर लाइसेंस दिए गए हैं।

मोरबा शाखा से बनी 14 फर्जी बैंक गारंटी
ईओडब्ल्यू की जांच में बताया गया है कि जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा जिला सिंगरौली के तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक नागेन्द्र सिंह ने 15 करोड़ 32 लाख 23 हजार 440 रुपए की 14 फर्जी बैंक गारंटी जारी की है जिसमें 9 बैंक गारंटी शराब ठेकेदारों को दी गई। जिसका इस्तेमाल उन्होंने रीवा, सिंगरौली, उमरिया, सतना एवं मऊगंज जिलों में शराब ठेकों के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किया गया है।

किसी संपत्ति या जमा राशि के बगैर बनाई फर्जी बैंक गारंटी
मप्र शासन की आबकारी नीति अनुसार शराब ठेकों के लिए बैंक गारंटी किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसूचित व्यावसायिक बैंक, निजी क्षेत्र के अनुसूचित व्यावसायिक बैंक या मप्र शासन के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से ही जारी की जा सकती है। लेकिन इस मामले में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा जारी की गई बैंक गारंटी को स्वीकार किया गया है जो भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुसूचित बैंकों की सूची में शामिल नहीं है। जांच में यह भी सामने आया कि शराब ठेकेदारों ने बैंक मैनेजर और आबकारी अधिकारी के साथ मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। जिनमें किसी संपत्ति/प्रतिभूति या जमा राशि के बगैर फर्जी बैंक गारंटी दी गई है। जांच में बताया गया है कि शिकायत के बाद आबकारी अधिकारी अनिल जैन ने लाइसेंसधारियों से अनुसूचित बैंकों की गारंटी प्राप्त कर इस अपराध को दुरुस्त किया है। उन्होंने नियमों के विपरीत जाकर फर्जी बैंक गारंटियों को स्वीकार किया व शराब ठेकेदारों को ठेके दिए हैं। सहकारी बैंक के तीन सदस्यीय जांच दल द्वारा दी गई रिपोर्ट में नागेन्द्र सिंह और शिवशंकर सिंह द्वारा गंभीर अनियमितता की पुष्टि की है।

इन पर दर्ज हुई एफआईआर

  • 1. नागेन्द्र सिंह, तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित शाखा मोरबा, जिला सिंगरौली।
  • 2. नृपेन्द्र सिंह, प्रोप्राइटर मेसर्स मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज बैकुण्ठपुर, हनुमना, नईगढ़ी, देवतालाब शराब समूह।
  • 3. अजीत सिंह, प्रोप्राइटर मेसर्स आशा इंटरप्राइजेज इटौरा शराब दुकान समूह।
  • 4. उपेन्द्र सिंह बघेल, मऊगंज शराब दुकान समूह।
  • 5. आदित्य प्रताप सिंह, रायपुर कर्चुलियान शराब दुकान समूह।
  • 6. विजय बहादुर सिंह, प्रोप्राइटर मेसर्स आर्या ग्रुप समान नाका शराब दुकान समूह।
  • 7. अनिल जैन, जिला आबकारी अधिकारी, जिला रीवा शामिल हैं।
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