नई दिल्ली। उत्तरकाशी के धराली गांव में आई भीषण आपदा के करीब दो दिन हो गए हैं। लेकिन लापता लोगों से की तलाश अब भी जारी है। परिजनों की अपनों की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। हालांकि रेस्क्यू आॅपरेशन में आधा दर्जन से अधिक टीमें युद्ध स्तर पर काम कर रही है। सेना के 225 से ज्यादा जवान मौके पर हर मोर्चे पर डटे हैं। इसमें इंडियन आर्मी, आईटीबीपी और एयर फोर्स भी शामिल हैं जो लापता लोगों को तलाश रहे हैं।
लापता लोगों में 70 नागरिक और भारतीय सेना के एक जेसीओ और 1 जवान भी शामिल हैं। जिनकी तलाश युद्ध स्तर पर की जा रही है। वहीं, गंगोत्री में करीब 180 से 200 पर्यटक फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय सेना और आईटीबीपी द्वारा भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है। मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राहत व बचाव कार्य में बाधाएं पैदा कर रही हैं। बावजूद इसके सेना यहां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
अब तक 190 लोगों का रेस्क्यू
यहीं नहीं सेना ने अब तक अतक 190 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है। रास्ते बंद हो जाने से हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू ही एक मात्र सहारा था। हेलिकॉप्टर से ही घायलों कोभी अस्पताल पहुंचाया जा रहा था। हालांकि भटवारी में बह गया राजमार्ग अब खुल गया है, जिससे अब सड़क मार्ग से धराली जाना संभव हो सकेगा।भटवारी में पहली दरार को ठीक करने में बड़ी सफलता मिली है। भारतीय सेना के अनुसार, पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जाएगा। हर्षिल का सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है, जबकि नेलोंग हेलीपैड भी चालू है और गंगोत्री से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, जिससे राहत कार्यों में सुविधा मिल रही है। हालांकि, धराली का नागरिक हेलीपैड कीचड़ भरे भूस्खलन के कारण अभी भी काम नहीं कर रहा है।
सेना ने तेज किया अभियान
सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान तेज कर दिया है और नागरिक प्रशासन व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। सड़कें कट जाने और संचार व्यवस्था बाधित होने के चलते सेना लगातार दिन-रात राहत कार्यों में जुटी है। सेना के 225 से अधिक जवान, जिनमें इंजीनियर, चिकित्सा दल और बचाव विशेषज्ञ शामिल हैं, मौके पर तैनात हैं। यहां एक रीको रडार टीम पहले से सक्रिय है और दूसरी टीम को तैनात किया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स को भी तैनात किया गया है, जो लापता लोगों को खोजने में सहायता कर रहे हैं।
मौसम की अनुमति के इंतजार में चकिून और एमआई-17
चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर, जो जॉलीग्रांट में तैनात हैं, जल्द ही मौसम की अनुमति मिलने पर लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरेंगे। सहस्त्रधारा से चलने वाले पांच नागरिक हेलिकॉप्टर एसडीआरएफ के सहयोग से मटली, भटवारी और हर्षिल के बीच लगातार उड़ानें भर रहे हैं। साथ ही, आईटीबीपी के मटली हेलीपैड पर एक अस्थायी एविएशन बेस तैयार किया जा रहा है ताकि हेलिकॉप्टर अभियानों में तेजी लाई जा सके। भारतीय सेना के अनुसार, अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है।
सीएम ने धाराली गांव का दौरा कर लिया जायजा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने धाराली का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की। सेना की सेंट्रल कमांड के कमांडर और यूबी एरिया के जीओसी भी मौके पर राहत अभियानों की निगरानी कर रहे हैं। सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सेंट्रल एयर कमांड मुख्यालय से समन्वय कर रहे हैं। अब अगले 24 से 48 घंटों में पैराट्रूप्स और चिकित्सा दलों को चिनूक हेलिकॉप्टर से हर्षिल भेजा जाएगा, वहीं एनडीआरएफ कर्मियों और मेडिकल स्टाफ को एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नेलोंग ले जाया जाएगा।