उज्जैन। नए वर्ष का आगाज हो गया है। नववर्ष की पहली सुबह होते ही विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिरमें भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। बताया तो यहां तक जा रहा है कि रात 3 बजे से ही महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के दिव्य दर्शन करने के लिए श्रद्धालु कतारबद्ध नजर आ रहे थे। आरती की शुरूआत होते ही श्रद्धालु “जय श्री महाकाल” का उद्घोष करते हुए बैरिकेट्स तक पहुंच गए थे। सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों की भीड़ उमड़ी पड़ी। यहीं सुबह चार बजे भस्मारती का लाभ भी लिया।
नववर्ष के मौके पर सुबह 4 बजे भस्म आरती का आयोजन किया गया। मंदिर के पट खुलते ही पंडितों और पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा की। इसके बाद भगवान महाकाल का जलाभिषेक और पंचामृत से स्नान कराया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस का उपयोग हुआ।इसके बाद भस्म आरती के दौरान महाकाल का भांग, चन्दन, सिंदूर और आभूषणों से श्रृंगार किया गया। मस्तक पर चन्दन का तिलक और सिर पर शेषनाग का रजत मुकुट धारण कर रजत की मुंडमाला और रजत जड़ी रुद्राक्ष की माला के साथ साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गयी। इसके बाद भस्मारती हुई। जहां भक्तों ने चलित भस्म आरती के माध्यम से बाबा महाकाल के निराकार से साकार स्वरूप के दर्शन किए और नववर्ष पर अपने इष्टदेव बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने के साथ ही सुख-समृद्धि की कामना की। बता दें कि धार्मिक मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।
सुबह 4 बजे जागे महाकाल
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि बुधवार को बाबा महाकाल सुबह 4 बजे जागे। भगवान वीरभद्र और मानभद्र की आज्ञा लेकर मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद सबसे पहले भगवान को गर्म जल से स्नान करवाकर पंचामृत अभिषेक किया गया और फिर केसरयुक्त जल अर्पित किया गया। नववर्ष के पहले दिन बाबा महाकाल का विशेष श्रृंगार किया गया, जिसे देखकर भक्त भक्ति में लीन हो गए और “जय श्री महाकाल” का उद्घोष करने लगे। इसके बाद महानिवार्णी अखाड़े के द्वारा भस्म रमाई गई।
नए साल में बाबा का दर्शन करने देश भर से पहुंचे श्रद्धालु
नए साल के पहले दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती मे हजारों की संख्या में श्रद्धालु ने बाबा महाकाल के दर्शन किये। नया साल खुशियों के साथ बीते यह कामना की गई। लोगों ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। इस दौरान श्रद्धालु बाबा महाकाल की जयकारे भी लगा रहे थे। पूरा मंदिर बाबा की जयकारे से गुंजायमान हो रहा था। नए साल की पहली भस्मारती का लाभ लेने के लिए पूरे देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे।