भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा संगठन की सहमति से लिए सभी निर्णय रिवर्ट होंगे। चाहे वह महापौर परिषद के पुनर्गठन के हो या किसी भी तरह के अन्य मामले हो, यह बात सभी पर लागू होगी। सागर से इसकी शुरूआत होगी। यहां महापौर परिषद का पुनर्गठन हुआ था, जिसे रद्द कर नए सिरे से गठन होगा। यह पुनर्गठन बगैर भाजपा प्रदेश हाईकमान की सहमति से किया था जिस पर आपत्ति के बाद महापौर संगीता तिवारी को भाजपा ने नोटिस थमा दिया था, वे जवाब देने के लिए रविवार प्रदेश संगठन के सामने पेश हुई, जहां उनकी बात प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा व अन्य से हुईं। उन्होंने दलीलें दीं, माफी भी मांगी, संगठन ने माफ भी कर दिया। लेकिन कहा कि पार्टी लाइन को क्रॉस नहीं करना है, क्योंकि अच्छा संदेश नहीं जाता, सभी को मिलकर आगे बढ़ना होगा।
महापौर परिषद में यह किया था बदलाव
महापौर परिषद से पार्षद एवं वरिष्ठ सदस्य आशारानी जैन की जगह पार्षद शैलेंद्र ठाकुर को शामिल कर लिया था। इस पर एक पक्ष ने आपत्ति ले ली थी, मामला जब प्रदेश हाईकमान तक पहुंचा था। महापौर संगीता तिवारी ने प्रदेश अध्यक्ष को इसकी वजह पार्षद आशारानी जैन का उम्रदराज होना, निरीक्षण व बैठकों में शामिल नहीं होना, पूछने पर स्वास्थ्य कारण का हवाला देना बताया था जिसे देखते हुए जनसंघ के समय से अनुभवी व मौजूदा पार्षद शैलेंद्र ठाकुर को उनकी जगह दी। मुझे यह बात ज्ञात नहीं थी कि इस तरह के बदलाव के लिए प्रदेश नेतृत्व की अनुमति लेनी पड़ती है। यह भी बताया कि जिस दिन बुलाया था, उस दिन 800 किलोमीटर दूर थी, रिश्तेदारों के घर गई थी।
वरिष्ठों से सलाह लेकर करें बड़े निर्णय
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने महापौर से कई बिंदुओं पर बात की। दो टूक कहा कि पार्टी गाइडलाइन न लांघे, यही हम सबके लिए ठीक होगा। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष व अन्य ने यह भी कहा कि भाजपा बड़ी पार्टी है, यदि कमियां स्वयं के स्तर पर दिखाई देगी तो नीचे के स्तर पर बुरा असर पड़ना स्वभाविक है आगे जो भी करना हो, करें लेकिन एक बार पार्टी को अवगत करा दें।
सीएम, प्रदेश अध्यक्ष लगा चुके फटकार
इसके पहले शनिवार को सीएम डॉ. मोहन यादव व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पार्टी लाइन क्रॉस कर बार- बार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा करने वाले विधायक प्रीतम लोधी व प्रदीप पटेल समेत अनुशासनहीन भाजपा नेताओँ की क्लास ली और उनका पक्ष सुना था।