22.1 C
Bhopal

CG के पूर्व विस स्पीकर की भी मौत का जिम्मेदार है दमोह का फर्जी डाक्टर, 19 साल बाद गैर इरादतन हत्या की हुई FIR

प्रमुख खबरे

बिलासपुर। मध्यप्रदेश के दमोह के फर्जी हार्ट स्पेशलिस्ट नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम की गिरफ्तारी के बाद से लगातार हैरान करने वाले खुलासे हो रहे हैं। इसी कड़ी में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। छत्तीसगढ़ के पूर्व विधानसभा स्पीकर राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की भी जान नरेन्द्र यादव ने ही ली थी। फर्जी डॉक्टर ने 19 साल पहले शुक्ला की सर्जरी की थी, जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी। अब आरोपी डॉक्टर के खिलाफ बिलासपुर में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस ने बिलासपुर के एक निजी हॉस्पिटल के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।

एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि ‘फर्जी’ हृदय रोग विशेषज्ञ नरेंद्र यादव उर्फ नरेंद्र जॉन कैम और बिलासपुर के एक निजी अस्पताल पर शनिवार को 19 साल पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ला की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। स्व राजेंद्र प्रसाद शुक्ल के बेटे प्रदीप शुक्ल की शिकायत पर सरकंडा थाने में आईपीसी की धारा 420, 465, 466, 468, 471, 304, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच में आरोपी के नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम तक अलग-अलग पाए गए हैं। आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी पहले ही मध्यप्रदेश के दमोह से हो चुकी है।

शुक्ला को 18 दिनों तक रखा गया था वेंटिलेटर पर
पूर्व स्पीकर के बेटे प्रदीप शुक्ला ने शिकायत में कहा गया है, यादव ने मेरे पिता की हार्ट सर्जरी की थी और उन्हें 18 दिनों तक वेंटिलेटर पर रखा गया था। इसके बाद 20 अगस्त 2006 को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने मेरे पिता के इलाज के लिए राज्य सरकार से 20 लाख रुपये लिए थे। वहीं बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश के दमोह के एक अस्पताल में सर्जरी के बाद सात मरीजों की मौत के मामले में गिरफ्तार किए गए यादव ने यहां प्राइवेट फैसिलिटी में शुक्ला का आॅपरेशन किया था। इसके कुछ दिन बाद कोटा विधानसभा क्षेत्र से तत्कालीन कांग्रेस विधायक शुक्ला का 2006 में बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। वे 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष रहे थे।

प्रदीप शुक्ला ने लगाए गंभीर आरोप
प्रदीप शुक्ला ने कहा कि उन्हें हाल ही में मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से यादव और दमोह अस्पताल में हुई मौतों के बारे में पता चला। एसएसपी सिंह ने बताया कि पुलिस ने पाया है कि यादव की डिग्री फर्जी है तथा भारतीय चिकित्सा परिषद/छत्तीसगढ़ चिकित्सा परिषद में उसके पंजीकरण का दस्तावेज अभी तक नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन ने बिना उचित जांच के यादव को हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में नियुक्त करके पूर्व विधानसभा अध्यक्ष शुक्ला के साथ-साथ कई अन्य हृदय रोगियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया।

एनएचआरसी को शिकायत मिलने के बाद यादव की हुई थी गिरफ्तारी
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को शिकायत मिलने के बाद यादव को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मिशन अस्पताल, दमोह में सात लोगों की मौत हो गई थी, जहां उन्होंने हृदय रोगों के इलाज के नाम पर मरीजों का आॅपरेशन किया था। इंदौर स्थित एक रोजगार परामर्श फर्म के निदेशक ने पिछले सप्ताह कहा था कि यादव ने 2020 से 2024 के बीच नौकरी के लिए तीन बार अपना बायोडाटा भेजा था और दावा किया था कि उन्होंने हजारों मरीजों का आॅपरेशन किया है। 2024 में अपनी फर्म को भेजे गए 9 पन्नों के बायोडाटा में यादव ने खुद को वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ बताया था और अपना स्थायी पता ब्रिटेन के बर्मिंघम का बताया था।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे