मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से साइबर फ्रॉड का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ रिटायर्ड डीसीपी एल. विश्ववेरेया को फर्जी लिंक के जरिए 45 हजार रुपये का साइबर चूना लगा दिया गया।
घटना भोपाल के मिनाल रेसीडेंसी की है, जहाँ रिटायर्ड अधिकारी ने जैसे ही एक संदिग्ध लिंक पर क्लिक किया, उनके बैंक खाते से भारी रकम साफ हो गई।
रिटायर्ड डीसीपी को एक अनजान नंबर से मैसेज आया, जिसमें लिखा था— “आपकी पेंशन अपडेट करनी है, कृपया इस लिंक पर क्लिक करें।”
अधिकारी ने जैसे ही लिंक खोला, उसी वक्त उनके खाते से ₹45,000 की रकम उड़ा दी गई।
हैरानी की बात ये है कि जिन्होंने अपनी पूरी सेवा पुलिस वर्दी में अपराधियों से लड़ते हुए बिताई, वो खुद साइबर क्राइम का शिकार हो गए।
सौभाग्य से, रिटायर्ड अधिकारी ने समय रहते भोपाल साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई। साइबर टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए खाते से निकाली गई रकम पर तत्काल रोक लगा दी और अब मामले की गहन जांच की जा रही है।
भोपाल साइबर सेल का कहना है जिसने भी ये डिजिटल फ्रॉड किया है, उसे बख्शा नहीं जाएगा। हम जल्द से जल्द आरोपी तक पहुंचने की कोशिश में हैं।
तो आम लोग कैसे रहें सतर्क?
इस घटना ने एक बार फिर साइबर सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर रिटायर्ड डीसीपी जैसा अनुभवी अधिकारी भी इस तरह के फिशिंग अटैक का शिकार हो सकता है, तो आम जनता कितनी असुरक्षित है, इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
सावधानी ही बचाव है: साइबर सेल की अपील
भोपाल साइबर सेल ने आम नागरिकों को सलाह दी है कि—
किसी भी अनजान नंबर से आए लिंक या कॉल पर भरोसा न करें।
बैंक और पेंशन विभाग कभी इस तरह की जानकारी मैसेज के जरिए नहीं मांगते।
किसी भी वित्तीय लेनदेन से पहले आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन पर पुष्टि करें।