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कांग्रेस की मंशा प्राइवेट शिक्षण संस्थानों में लागू हो आरक्षण, गुजरात अधिवेशन में लगी मुहर, प्रस्ताव में भाजपा की भी खूब आलोचना

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अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस दो दिनी 84वां अधिवेशन बुधवार को खत्म हो गया है। लेकिन पार्टी ने अधिवेशन अंतिम दिन कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। कांग्रेस ने एक जो अहम प्रस्ताव पारित किया है, उसमें दलितों, आदिवासियों और पिछड़े तबके के लिए निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग की गई है। वहीं प्रस्ताव में केंद्र की भाजपा सरकार पर संविधान पर लगातार हमले करने का आरोप भी लगाया है। साथ ही प्रस्ताव में कांग्रेस पार्टी की जिला ईकाई को मजबूत कर पार्टी के संगठन को मजबूत करने की बात भी कही गई है।

कांग्रेस ने अपने इस प्रस्ताव में भाजपा की विदेश नीति की आलोचना की है। पार्टी ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल में भारत की साख वैश्विक स्तर पर बढ़ी है। प्रस्ताव में कहा गया है कि कांग्रेस सरकारों की विदेश नीति भारत के हितों की सेवा करने और वैश्विक संतुलन बनाए रखने ही बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने के पक्ष में रहीं थी, लेकिन मौजूदा सरकार अपनी निजी छवि बनाने के चक्कर में भारत की विदेश नीति से समझौता कर रही है।

दिग्गी की अगुवाई वाली संसदीय समिति ने आरक्षण का दिया था सुझाव
साथ ही कांग्रेस ने इस प्रस्ताव में निजी शैक्षिक संस्थानों में दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने की भी बात कही है। दरअसल यह सुझाव कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह की अगुवाई वाली शिक्षा पर बनी संसदीय समिति ने दिया था, जिसके बाद, कांग्रेस ने बिना किसी देरी के इस सुझाव का समर्थन कर दिया है। बता दें कि कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव में भी अपने घोषणापत्र में ये वादा कर चुकी थी कि सरकार बनने की दिशा में वो निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करेगी।

किसानों को एमएसपी का वादा
कांग्रेस ने प्रस्ताव में कहा है कि वे एमएसपी को लेकर कानून बनाने के लिए समर्पित हैं। कांग्रेस का कहना है कि वे कुल लागत का 50 प्रतिशत एमएसपी देने का कानून लेकर आएंगे। साथ ही किसानों को कर्ज मुक्त करने के लिए भी कदम उठाएंगे। प्रस्ताव में कहा गया है कि मनमोहन सिंह की सरकार में देश की जीडीपी 8 प्रतिशत थी और उस दौरान करोड़ों लोगों को गरीबी से निकाला गया था, लेकिन मौजूदा सरकार में असमानता बढ़ी है और आज चुनिंदा पूंजीपतियों के पास पूरी ताकत है। कांग्रेस के प्रस्ताव में महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर भी सरकार पर निशाना साधा गया है। कांग्रेस ने सरकार पर सरकारी कंपनियों के निजीकरण करने का आरोप लगाया।

‘अमेरिका से संबंध भारत के हितों की कीमत पर नहीं होने चाहिए’
कांग्रेस ने प्रस्ताव में कहा है कि पश्चिम एशिया संकट के चलते मानवीय त्रासदी हुई है और गाजा में हजारों लोग मारे गए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार इस पर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अलग फलस्तीन देश और विवाद के शांतिपूर्ण समझौते के पक्ष में है। प्रस्ताव में अमेरिका को लेकर कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंध हैं, लेकिन ये भारत के हितों की कीमत पर नहीं होने चाहिए। कांग्रेस ने अमेरिका द्वारा भारत पर भारी भरकम टैरिफ लगाने और भारतीय अप्रवासियों को बेइज्जत कर भारत भेजने पर भी नाराजगी जताई और इसे सरकार की विफलता बताया।

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