मध्यप्रदेश के बालाघाट से कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे को वन विभाग की जांच में क्लीन चिट मिल गई है।
वन विभाग की डीएफओ नेहा श्रीवास्तव द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच वरिष्ठ अधिकारियों ने की, जिसमें विधायक पर लगाए गए आरोपों का कोई ठोस सबूत नहीं मिला।
जांच रिपोर्ट में वरिष्ठ अफसरों ने स्पष्ट किया कि शिकायत में किए गए दावे प्रमाणित नहीं हो पाए हैं। मामले की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई थी, जिसमें कहा गया कि संबंधित आरोपों के समर्थन में कोई प्रत्यक्ष गवाह मौजूद नहीं था।
दरअसल, डीएफओ नेहा श्रीवास्तव ने 18 अगस्त को विधायक पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 16 अगस्त को बालाघाट के फॉरेस्ट रेस्ट हाउस में उनसे मुलाकात के दौरान कुछ अनुचित मांग की थी।
इस शिकायत के बाद शासन ने वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई थी। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि शिकायतकर्ता और विधायक की मुलाकात निजी कमरे में हुई थी, इसलिए किसी प्रत्यक्ष साक्ष्य का अभाव था।
जांच के दौरान विधायक को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने का अवसर भी दिया गया था, लेकिन बाद में आरोपों को आधारहीन पाया गया। विधायक अनुपमा मुंजारे ने कहा कि उन्हें न्याय मिला है और अब वे झूठे आरोप लगाने वाली अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगी।



