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सीएम ने रीवा को दी नए न्यायालय भवन की सौगात, साक्षी बने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस: मोहन बोले- न्याय के प्रति आस्था का केंद्र बनेगा भवन

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रीवा । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रीवा को बड़ी सौगात दी है। सीएम ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्य कांत, जेके माहेश्वरी और सतीश चन्द्र शर्मा की मौजूदगी में नवनिर्मित न्यायालय भवन का लोकार्पण किया। सीएम ने सर्वसुविधायुक्त नए न्यायालय भवन के लिए रीवावासियों को बधाई दी और कहा कि सबके अधिकारों और हितों की रक्षा में यह भवन न्याय के प्रति आस्था का केंद्र बनेगा। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम और स्थानीय विधायक राजेन्द्र शुक्ल, सांसद जनार्दन मिश्र, विधायक दिव्यराज सिंह, और नरेन्द्र प्रजापति भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि रीवा में न्याय की गौरवशाली परंपरा रही है। भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के 11 वर्ष रीवा राज्य के चित्रकूट में बिताकर इस धरती को धन्य किया है। उनकी प्रेरणा से ही राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने का बल मिला है। उन्होंने कहा कि न्याय पाना देश के हर नागरिक का कानूनी अधिकार है। वादी को समय पर न्याय दिलाना ही सम्पूर्ण न्याय प्रणाली का एकमात्र लक्ष्य है। न्याय पाने के अधिकार की सुरक्षा करते हुए हमारी सरकार प्रदेश के हर नागरिक को सहज और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

समय पर न्याय दिलाना सामाजिक सूत्र
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि समय पर न्याय दिलाना एक समाजिक सूत्र है, जिसे हम सभी को अपने-अपने दायरे में पूरी शिद्दत से निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रियासत काल से ही रीवा क्षेत्र न्याय व्यवस्था की दृष्टि से हमेशा अग्रणी रहा है। इस दिशा में रीवा में आज एक और नए युग का सूत्रपात हुआ है। सीएम ने नवनिर्मित भवन को न्याय का मंदिर बताते हुए विश्वास जताया कि इस भवन में आने वाला हर व्यक्ति सहज, सुलभ और पूर्ण न्याय प्राप्त करेगा। उन्होंने कहा कि सच्चे अर्थों में सम्राट विक्रमादित्य ने ही देश में एक सशक्त न्याय प्रणाली की आधारशिला रखी थी और आज भी उनकी वही समृद्ध परम्परा निर्बाध गति से प्रवाहमान है।

देश की न्यायपालिका ने न्याय की देवी की खोली काली पट्टी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारी सरकार न्याय पाने के इच्छुक हर व्यक्ति के लिए जिला न्यायालय में एक सकारात्मक वातावरण तैयार करने तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने न्यायिक प्रणाली को अधिक कारगर बनाने के लिए नये कानून बनाए। उन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा बीते कुछ सालों में दिए गए प्रमुख निर्णयों का जिक्र करते हुए कहा कि इन निर्णयों से सबके दिलों में देश की न्याय व्यवस्था के प्रति श्रद्धा और बढ़ी है। देश की न्यायपालिका ने एक अहम निर्णय लेते हुए अब न्याय की देवी की काली पट्टी खोल दी है, ताकि न्याय की देवी खुली आंखों से सबको न्याय दे सके, यह एक अभूतपूर्व पहल है।

मप्र सरकार को सराहा जस्टि सूर्य कांत ने
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्य कांत ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार सभी क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है। सरकार के सक्रिय सहयोग से 30 नए न्यायालय भवनों की सौगात मिली है। रीवा के नए न्यायालय भवन में न्यायालयीन प्रणाली से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। इससे आगामी 50 वर्षों की आवश्यकताएं पूरी हो जाएंगी। नया भवन में मानवीय मूल्यों की स्थापना हो और कारगर न्यायप्रणाली से निष्पक्ष न्याय मिले। देश की प्रगति के लिए मजबूत न्याय प्रणाली का होना आवश्यक है।

यह बोले जस्टिस महेश्वरी और शर्मा
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जेके माहेश्वरी ने कहा कि रीवा में राजा विश्वनाथ सिंह ने वर्षों पहले दो न्यायालयों का गठन किया था। मेताक्षरा न्यायालय में हिन्दू धर्म की परंपराओं के अनुसार तथा धर्मसभा में धार्मिक आधार पर न्याय किया जाता था। नवीन न्यायालय भवन बघेली स्थापत्य और आधुनिकता का अनूठा संगम है। इस भवन में जब करूणा, विवेक और न्याय होगा तभी इसकी आत्मा जागृत होगी। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सतीश चन्द्र शर्मा ने कहा कि रीवा में विधि का इतिहास बहुत महत्वपूर्ण है। इसी माटी से निकलकर जी.पी. सिंह हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश तथा जस्टिस जे.एस. वर्मा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने। यहाँ के कई जज और अधिवक्ता हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपनी प्रतिभा की चमक बिखेर रहे हैं।

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