मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने मंगलवार को राज्य कर्मचारी संघ द्वारा आयोजित दिवाली मिलन समारोह में शामिल हुए। यहां पर मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि प्रदेश में रोजगार के लिए अलग-अलग परीक्षाएं होती हैं। इनमें समय लगता है, जिससे रोजगार मिलने में देरी होती है। हमने तय किया है कि यूपीएससी की तर्ज पर एक ही एग्जाम कराएंगे।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि पुलिस भर्ती के रिक्त 20 हजार से अधिक पदों को भरने का काम तीन साल में करना है। साथ ही विभिन्न संवर्गों की वेतन विसंगति, ग्रेड पे में परिवर्तन दूर करने के लिए दूर करने के लिए सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में कर्मचारी आयोग का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रमोशन मिलना चाहिए। प्रयास किया और किनारे तक पहुंचे हैं। भगवान महाकाल की लीला है थोड़ा सा अटका है, लेकिन जल्द रास्ता निकलेगा। महंगाई भत्ते पर मोहन यादव ने कहा कि हम इस पर काम कर रहे हैं। पांच समान किस्तों से अक्टूबर तक का एरियर देने का काम किया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ देने का काम किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के 19504 नए पदों को भरने का काम भी सरकार के द्वारा ही किया जा रहा है। एक जनवरी 2005 या उसके बाद नियुक्त कर्मचारियों के लिए यूपीएस देने कमेटी गठित की गई है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कर्मचारियों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। कर्मचारियों के चेहरे की खुशी हमारी ताकत है। सरकारी की योजनाओं को जमीन तक उतारने का काम कर्मचारी ही करते हैं और कर्मचारी हितों के लिए सरकार तैयार है। राज्य कर्मचारी संघ ने कर्मचारियों के लिए भाव का प्रकटीकरण अच्छे से किया है। सेवा में विलंब रोकना होगा, जनता के अधिकारों का ध्यान रखना होगा। नौ साल से हाउस रेंट अलाउंस लंबित था जिसे हमारी सरकार ने देने का काम किया है।



