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निहितार्थ

इस अधूरेपन को भी दूर करने का रास्ता भी खोलिए माई लॉर्ड

देख/पढ़ और समझकर एक अधूरेपन का अहसास हो रहा है, बल्कि कचोट रहा है। वह यह कि चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताने वाली न्यायिक...

गूंगे सिस्टम को हरी मिर्ची खिलाने की औपचारिकता मात्र मत कीजिए

यह बिलकुल वैसा ही मामला है, जो काफी पहले फंतासी किताब में पढ़ा था। किसी स्त्री की बोलने की शक्ति अचानक जाती रही। तब...

चुटकुला याद दिला रही है कांग्रेस की यह गारंटी

जिन्हें अतीत और वर्तमान, दोनों के सच का भान नहीं है, उनके लिए तो यह बेहद लोकलुभावन मामला है। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस...

डूबा तो टाइटैनिक भी था, जला रोम भी था….

लगता ऐसा ही है, कांग्रेस में बहुत असरकारी भूचाल आ गया है। क्योंकि आज मध्यप्रदेश की सियासत में जो कुछ हुआ, उसकी तो यह...

सुरा को लेकर साध्वी प्रज्ञा का सियासी सुर

रूमानी तबीयत वालों के बीच शराब को लेकर एक तथ्य बेहद चर्चित है। वह यह कि जिसे इश्क में मायूसी हाथ लगती है, वह...

राख के ढेर में शोला है न चिंगारी है

इस शोर के असर से कोई इंकार नहीं कर सकता। हां, इसके पीछे निहित जोर अपने साथ कई किस्म के प्रश्नवाचक और विस्मयादिबोधक चिन्ह...

भारत के सांस्कृतिक पुनरोद्धार का अद्भूत ज्वार है यह

तो प्रभु राम आ गए। भावनाओं के एक अद्भूत देश व्यापी ज्वार के बीच प्रभु श्री राम का अयोध्या में आगमन हो गया। त्रेता...

सोमनाथ वाले नेहरू से लेकर अयोध्या वाले राहुल तक

जवाहरलाल नेहरू वामपंथी बुद्धि की आगे सदैव बौने रहे और आज हालत यह कि सोनिया से लेकर राहुल तक के असर से यह दल पूरी तरह वामपंथी सोच के आगे नतमस्तक हो चुका है।

तगड़े होमवर्क के सहारे आगे बढ़ रहे हैं डॉ. मोहन यादव

डॉ. मोहन यादव मुख्यमंत्री के तौर पर भले ही नए हों लेकिन सार्वजनिक जीवन के अनुभवी नेता तो हैं। और खास बात यह कि इस अनुभव का ककहरा उन्होंने जमीन से जुड़े कार्यकर्ता से लेकर विधायक और मंत्री के रूप में सीखा है।

करोड़पति नेताओं की बेचारी कंगाल कांग्रेस

राहुल गांधी के प्रभाव वाले इस पूरे कालखंड में कांग्रेस जनमत से लेकर धन के मामले में ठन-ठन गोपाल वाला सफर बड़ी दयनीय अवस्था में घिसट-घिसटकर तय कर पा रही है। वैसे तो यह सारा मामला ही किसी लतीफे जैसा है, फिर भी एक और लतीफा याद आ गया। सेना के अफसर ने नाश्ते के लिए बैठी टुकड़ी के जवानों से कहा, 'खाने पर दुश्मन की तरह टूट पड़ो।' टुकड़ी कई दिन की भूखी थी।

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