मोदी की नेतृत्व की असली परीक्षा अब आरंभ हुई है। अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार सफलता के साथ पांच साल तक चली तो सोनिया गांधी की अगुआई में यूपीए सरकार ने दस साल तक उल्लेखनीय रूप से शासन चलाया। वाजपेयी अपनी सर्व-स्वीकार्य छवि के चलते सहयोगी दलों की गुड बुक में बने रहे और यूपीए के समय कांग्रेस राजनीति में इतनी बेअसर हो चुकी थी कि कांग्रेस तब गठबंधन वाले दलों को अपने पर हावी होने से रोकने में कामयाब नहीं हो पाई।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अभियान के अंतर्गत 3 हजार 90 करोड़ लागत के जल संरक्षण के 990 कार्य आज से प्रदेश में प्रारंभ हो रहे है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल स्त्रोतों का संवर्धन और संरक्षण है। आम जन से मुख्यमंत्री ने अभियान से जुड़ने का आव्हान किया। प्रदेश में 16 जून गंगा दशहरा तक अभियान चलेगा।
आप खुद ही अपनी गारंटी के ठीक आगे कहीं प्रश्नवाचक तो कहीं विस्मयादिबोधक चिन्ह से घिरे नजर आने लगे हैं? आखिर ऐसा क्या है कि जिन्हें आपने लगातार निशाना बनाया, वह राहुल गांधी रायबरेली सहित वायानाड में उतने मतों से जीत रहे हैं, जिस संख्या से बहुत कम (शर्मनाक) आंकड़े के साथ आप को जीत हासिल हो सकी?
दिग्विजय ने पार्टी लाइन पर चलते हुए एक बार फिर कांग्रेस की संभावित असफलता का दोष अभी से ईवीएम पर मढ़ने की कोशिश शुरू कर दी है। यहीं से घुन और धुन की बात आती है। सिंह का यह बयान खुद उन सहित समूची कांग्रेस और उसके साथी दलों की सोच पर लगी घुन का प्रतिनिधित्व करता है। लंबा समय बीत गया, जब देश के निर्वाचन आयोग ने सभी दलों को खुली चुनौती दी थी कि वे ईवीएम में गड़बड़ी की बात साबित कर दें।