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जितना खाया मीठा था, जो हाथ न आया खट्टा है
कमलनाथ को लेकर यह शिगूफेबाजी
जो बोया, वही काट रहे दिग्विजय
ये आक्रांता नहीं आक्रांत वाला मामला है
शाश्वत सच को नयी परिभाषा दी भागवत ने
यहां कानून की तय सजा से तो संतोष नहीं मिलेगा
कृपया इस दान पर न दें राजनीतिक ज्ञान
भीड़ और भाड़े वाली संस्कृति से बचे भाजपा
धन्यवाद सुप्रीम कोर्ट
मरते हुए को मर जाने की सलाह न दें