देवास। देवास जिले के सतवास में पुलिस कस्टडी में हुई युवक की मौत को लेकर कांग्रेस मोहन सरकार पर हमलावर हो गई है। रविवार को देवास पहुंचे पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं उन्होंने पूरे थाने को सस्पेंड करने की मांग की है। बता दें कि थाने में हुई युवक की मौत के मामले में टीआई को सस्पेंड कर दिया गया है।
थाने के बाहर पीड़ित परिजनों के साथ धरने में शामिल होने देवास पहुंचे जीतू पटवारी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लगातार चौथी घटना है, दलित की हत्या थाने में हो रही है, हत्या इसलिए हुई क्यों कि समय पर रिश्वत नहीं मिली। अगर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव में सभ्यता होती तो थाने को सस्पेंड हमारे कहने से पहले कर देते। अगर नहीं कर रहे तो इससे साफ जाहिर होता है कि ऊपर से नीचे तक भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है। पीड़ित परिजनों और जीतू के साथ धरने में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा और आजाद समाज पार्टी के नेता भी बैठे थे।
पुलिस का रवैया भी दर्द देने वाला
उन्होंने कहा कि थाने में दलित की हत्या हो रही है। समय पर रिश्वत नहीं मिली, इसलिए मर्डर हो गया। थाने का इनवोलमेंट क्राइम रोकने में नहीं क्राइम करने में है। उन्होंने कहा, ‘मैंने घटनास्थल देखा है, उसे देखकर लगता है कि वहां कोई व्यक्ति फांसी लगा ही नहीं सकता। उसकी हत्या की गई है। दूसरी ओर, पुलिस का रवैया भी दर्द देने वाला है। पूरे थाने को सस्पेंड करना चाहिए। सीएम मोहन यादव जी को इस्तीफा देना चाहिए। वह गृहमंत्री के लायक नहीं हैं। गृहमंत्री की जिम्मेदारी किसी अन्य को सौंपना चाहिए।
पटवारी बोले- सरकार का रावण जैसा अंहकार
जीतू पटवारी ने कहा कि सरकार का रावण जैसा अहंकार हो गया है। हमारी मांग नहीं संस्कार है, पनिशमेंट देना है तो थाने को दो। अगर जांच में दोषी न पाया जाए तो बहाल करो। कुछ सालों बाद इनकी मां मर जाएगी, छोटे बच्चे किसका मुह देखेंगे, सरकार नहीं देखेगी। सरकार केवल हेलीकॉप्टर खरीदने और उड़ने के लिये है। कोई जिद्द, अहंकार नहीं केवल न्याय करो। गांधीजी, बाबा साहब हथियार देकर गए है, उसका उपयोग करेंगे, भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
जीतू ने कहा कि प्रदेश सरकार को बच्चों को पालन-पोषण और रहवास की व्यवस्था करना चाहिए। परिवार को एक करोड़ की सहायता करना चाहिए। इस संबंध में पत्र भी लिखूंगा। सदन में भी यह मामला उठाया जाएगा।’ जीतू पटवारी ने थाना के पूर्व स्टॉफ को बर्खास्त करने की मांग करते हुए कहा कि पूरा थाना जब तक बर्खास्त नहीं होता मैं यहां से नहीं उठने वाला, चाहे पुलिस मुझे जेल में डाल दे। मैं वहां भी बिना कुछ खाए आमरण अनशन करूंगा।
एसपी बोले- गमछे से फांसी लगाने की कोशिश की
एसपी पुनीत गेहलोद ने बताया कि मुकेश के खिलाफ 26 दिसंबर को एक महिला ने शिकायती आवेदन दिया था। शाम 6 बजे वो थाने में हाजिर हुआ। इसके बाद बयान लिए गए। थाना प्रभारी बयान पढ़ रहे थे। इसी दौरान अपने गले में बंधे गमछे को ग्रिल से बांधकर फांसी लगाने की कोशिश की। एसपी ने कहा कि मुकेश के खिलाफ न ही कोई प्रकरण दर्ज था, न ही वो आरोपी था। महिला के आवेदन पर जांच के लिए उसे थाने बुलाया गया था। फिलहाल एनएचआरसी गाइडलाइन का पालन करते हुए घटनास्थल को सील कर दिया गया है।
ये है पूरा मामला..
मालागांव के रहने वाले मुकेश (35) पिता गबूलाल लोंगरे के खिलाफ एक महिला ने 26 दिसंबर को मारपीट और गाली-गलौज की शिकायत की थी। इसी मामले में पुलिस ने शनिवार दोपहर में मुकेश को हिरासत में लिया था। शाम को ही उसकी मौत हो गई। मुकेश के भांजे शिवराम ने पुलिस पर रिश्वत लेने और हत्या करने का आरोप लगाया। शिवराम ने बताया कि शनिवार शाम 4 बजे दो पुलिसकर्मी मामा को हमारे सामने लेकर गए थे। हमारे सामने ही उनके साथ मारपीट की गई। थाने पहुंचे तो एएसआई सिद्धनाथ सिंह बैस ने 6 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। हम पैसे लेकर लौटे तो मामा को मृत हालत में अस्पताल ले जाया जा रहा था। परिजन ने शनिवार रात को भी थाने का घेराव किया था। एडिशनल एसपी ने कहा कि हर स्तर पर जांच हो रही है। सतवास थाना प्रभारी आशीष राजपूत को सस्पेंड कर दिया गया है। सारी कार्रवाई गाइडलाइन के अनुसार ही होगी।